जानें क्यों तैनात हुए पश्चिमी देशों के 38 युद्ध पोत, 170 विमान, गुस्से में किम जोंग

पश्चिम ने 38 युद्धपोतों, 170 विमानों और 25,000 सैनिकों को तैनात किया है. रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी देशों को डर है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग परमाणु विस्फोट कर सकते हैं.

Written by - Anand Singh | Last Updated : Jul 30, 2022, 08:24 AM IST
  • 29 जून से 4 अगस्त तक युद्धाभ्यास
  • 25,000 सैनिक शामिल होंगे इसमें
जानें क्यों तैनात हुए पश्चिमी देशों के 38 युद्ध पोत, 170 विमान, गुस्से में किम जोंग

लंदन: अमेरिका की ओर से घोषणा की गई है कि वह हवाई और दक्षिणी कैलिफोर्निया के पास अपने दरवाजे पर प्रशांत महासागर में सैन्य अभ्यास का नेतृत्व करने के लिए तैयार है. किम जोंग-उन ने युद्ध के खेल की धज्जियां उड़ाते हुए दावा किया है कि इससे युद्ध का खतरा बढ़ जाएगा. 

डेली मेल के मुताबिक पश्चिम ने 38 युद्धपोतों, 170 विमानों और 25,000 सैनिकों को तैनात किया है. रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी देशों को डर है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह परमाणु विस्फोट कर सकते हैं. इससे पहले 1998 और 2010 में भी ऐसे युद्धाभ्यास हुए हैं. इस साल का रिम ऑफ द पैसिफिक 1971 में शुरू हुई श्रृंखला का 28वां अभ्यास है.

कितना बड़ा है ये युद्धाभ्यास
29 जून से 4 अगस्त तक के इस युद्धाभ्यास में 26 राष्ट्र, 38 युद्धपोत, चार पनडुब्बी, नौ राष्ट्रीय भूमि सेना, 170 से अधिक विमान और 25,000 सैनिक शामिल होंगे. बल "क्षमताओं की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रयोग करेंगे और समुद्री बलों के अंतर्निहित लचीलेपन का प्रदर्शन करेंगे".

दक्षिण कोरिया और जापान भी लेंगे हिस्सा
दक्षिण कोरिया और जापान दोनों ही इसमें हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं, जिसे अमेरिकी नौसेना ने "दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास" करार दिया है. लेकिन उत्तर कोरिया ने अमेरिका के नेतृत्व वाले संयुक्त अभ्यास की धज्जियां उड़ाते हुए दावा किया कि पश्चिम कोरियाई प्रायद्वीप को अस्थिर कर रहा है और सैन्य संघर्ष के जोखिम को बढ़ा रहा है.

विशेषज्ञ क्या कहते हैं

उत्तर कोरिया के राज्य संचालित निरस्त्रीकरण और शांति संस्थान के री म्योंग-हक ने कहा: "अमेरिका की आक्रामक और आधिपत्य वाली इंडो-पैसिफिक रणनीति के कारण, इस क्षेत्र को सैन्य संघर्षों के निरंतर खतरे से अवगत कराया जा रहा है. "यह, बदले में, कोरियाई प्रायद्वीप पर नकारात्मक प्रभाव डालता है."

योनहाप न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इस साल 10 से अधिक मौकों पर प्रशांत महासागर में "युद्ध अभ्यास" करने के लिए अमेरिका की आलोचना की.

उन्होंने विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर एक पोस्ट में कहा, "दुनिया को यह समझना चाहिए कि शांति भंग करने का असली अपराधी कौन है और अमेरिका की सैन्य गतिविधियों के बारे में सतर्क रहना चाहिए."  दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान ने भी उत्तर कोरिया के उभरते मिसाइल खतरों का मुकाबला करने के लिए अगस्त की शुरुआत में हवाई के पास मिसाइल चेतावनी अभ्यास और बैलिस्टिक मिसाइल खोज और ट्रैकिंग अभ्यास करने की योजना बनाई है.

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