मोसाद का वो सनसनीखेज ऑपरेशन, जिसमें रिमोट कंट्रोल मशीनगन से की गई थी 'ईरान के ओपेनहाइमर' की हत्या

ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख मोहसेन फखरजादे की नवंबर 2020 में तेहरान से कुछ दूर हत्या हुई थी. कहा जाता है कि इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने सनसनीखेज ऑपरेशन में फखरजादे को रास्ते से हटाया था. उनकी मौत के बाद ईरान की सुप्रीम सुरक्षा परिषद के एक अधिकारी ने कहा था कि फखरजादे की हत्या एक रिमोट कंट्रोल सैटेलाइट से जुड़ी मशीनगन से की गई थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 12, 2025, 10:52 PM IST
  • 20 लोगों की टीम ने 8 महीने तक रखी नजर
  • चेहरा पहचानने की तकनीक बनी थी सहारा
मोसाद का वो सनसनीखेज ऑपरेशन, जिसमें रिमोट कंट्रोल मशीनगन से की गई थी 'ईरान के ओपेनहाइमर' की हत्या

नई दिल्लीः ईरान के परमाणु कार्यक्रम के प्रमुख मोहसेन फखरजादे की नवंबर 2020 में तेहरान से कुछ दूर हत्या हुई थी. कहा जाता है कि इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने सनसनीखेज ऑपरेशन में फखरजादे को रास्ते से हटाया था. उनकी मौत के बाद ईरान की सुप्रीम सुरक्षा परिषद के एक अधिकारी ने कहा था कि फखरजादे की हत्या एक रिमोट कंट्रोल सैटेलाइट से जुड़ी मशीनगन से की गई थी.

20 लोगों ने 8 महीने तक रखी नजर

बीबीसी हिंदी ने 'टार्गेट तेहरान' किताब के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि फखरजादे की हत्या में रिमोट कंट्रोल मशीनगन का ही इस्तेमाल हुआ था. हथियारों को टुकड़ों में ईरान में लाया गया था. बाद में सीक्रेट तरीके से उसे असेंबल किया गया था. वहीं फखरजादे पर नजर रखने के लिए 20 लोगों की एक टीम को लगाया गया था. उन्होंने करीब 8 महीने तक उन पर करीब से नजर रखी.

चेहरा पहचानने की तकनीक बनी सहारा

वहीं एक ईरानी न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि मोसाद के लिए काम करने वाले एजेंट्स ने एक पिकअप को ईमान खामेनई चौक पर खड़ा किया था. इसमें अमेरिकी M240C मशीनगन छिपाकर रखी गई थी. इसकी खासियत यह है कि इसको हजारों मील दूर बैठे हुए लोग चेहरे को पहचानने की तकनीक से रिमोट कंट्रोल से चला सकते हैं. वहीं खड़ी एक और कार में लगे कैमरों ने तस्वीर खींचकर पुष्टि की थी कि वहां से गुजर रही कार में फखरजादे ही हैं.

सटीक इतनी कि बगल में बैठी पत्नी को चोट नहीं आई

इसके बाद फखरजादे की कार पर मशीनगन से कुल 13 राउंड फायरिंग की गई. फिर खास बात यह हुई कि मशीन गन उस पिकअप में खुद ही फट गई, जिसमें उसे रखा गया था. इस मशीनगन ने इतनी सटीकता के साथ निशाने लगाए कि उनके बगल में बैठी पत्नी को चोटें नहीं आईं. हालांकि उनके बॉडीगार्ड को 4 गोलियां लगी थीं क्योंकि वह फखरजादे को बचाने के लिए बीच में कूद पड़ा था.

ईरान के लिए कितने अहम थे फखरजादे

फखरजादे को साल 2010 में एक जर्मन मैगजीन ने ईरान के ओपेनहाइमर की संज्ञा दी थी. दरअसल अमेरिका ने ओपेनहाइमर की देखरेख में ही अपना पहला परमाणु बम बनाया था. फखरजादे परमाणु कार्यक्रम के लिए उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस और चीन के वैज्ञानिकों के संपर्क में भी थे. फखरजादे के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नई दिशा दी थी. वह अपने सुप्रीम लीडर से सीधे बात करते थे और परमाणु मुद्दों पर उनके विचार कट्टरपंथी थे. फखरजादे की हत्या के बाद ईरान का परमाणु कार्यक्रम पिछड़ गया. माना जाता है कि उनकी मौत के बाद ईरान की बम बनाने की क्षमता कम से कम दो साल और बढ़ गई.

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