क्यों खामोश हैं शी जिनपिंग, चीन में 5 लाख कोरियाई लड़कियों को बनाया गया सेक्स स्लेव

चीन के इस रेड जोन में 500,000 महिलाओं और लड़कियों को सेक्स गुलामी का सामना करना पड़ता है. कई लोग जो किम जोंग-उन की कठोर पकड़ से भागने की कोशिश करते हैं, उनकी तस्करी की जाती है. भयभीत महिलाओं को पुरुषों की भीड़ के सामने सड़कों पर घुमाया जाता है और पीटा जाता है - और कुछ सैकड़ों डॉलर में बेचा जाता है."

Written by - Vineet Sharan | Last Updated : Mar 24, 2023, 11:54 AM IST
  • चीन के लिओनिंग, हेइलोंगजियांग और जिलिन प्रांतों में हालात खराब
  • महिलाएं कोरिया में रहने के बजाय शोषण का शिकार होना पसंद करती हैं
क्यों खामोश हैं शी जिनपिंग, चीन में 5 लाख कोरियाई लड़कियों को बनाया गया सेक्स स्लेव

बीजिंग: चीन को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. मानवाधिकार संगठन ने आज खुलासा किया कि चीन के कानूनविहीन "रेड जोन" में 12 साल की उम्र की उत्तर कोरियाई लड़कियों को यौन तस्करी करने वाले गिरोह छीन रहे हैं. दावा है कि चीन के इस रेड जोन में 500,000 महिलाओं और लड़कियों को सेक्स गुलामी और जबरन गर्भधारण का सामना करना पड़ता है. बता दे कि चीन में काफी समय से उइगर मुस्लिम और उनकी महिलाओं का भी काफी समय से उत्पीड़न हो रहा है. ऐसी कई रिपोर्ट आई है लेकिन शी जिनपिंग इन मुद्दों पर हमेशा खामोश ही रहे हैं. 

कहां हैं चीन के कानूनविहीन 'रेड ज़ोन' 
लिओनिंग, हेइलोंगजियांग और जिलिन प्रांतों में कम से कम पांच लाख उत्तर कोरियाई लड़कियों को व्यवस्थित बलात्कार, यौन दासता और जबरन विवाह का सामना करना पड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया के कई लोग जो किम जोंग-उन की कठोर पकड़ से भागने की कोशिश करते हैं, उनकी तस्करी की जाती है. इनमें से कई लोग चीन पहुंच जाते हैं, उनके लिए भाग्य और भी अंधकारमय हो सकता है.

क्या कहती है रिपोर्ट
ग्लोबल राइट्स कंप्लायंस की नई रिपोर्ट के अनुसार, सेक्स ट्रैफिकिंग गिरोह उत्तर कोरियाई शासन के अत्याचारों से भागकर सैकड़ों हजारों महिलाओं और लड़कियों का शिकार करते हैं.चीन के तथाकथित क्रूर "रेड ज़ोन" में, वे बलात्कार, यौन गुलामी, जबरन शादी, गर्भावस्था, जबरन श्रम और साइबरसेक्स तस्करी का शिकार होती हैं. मानवाधिकार फर्म ने घृणित दृश्यों की तुलना मार्गरेट एटवुड के डायस्टोपियन उपन्यास द हैंडमेड्स टेल से की - जहां महिलाओं को क्रूरता से नियंत्रित, हावी और यौन शोषण किया जाता है.

ग्लोबल राइट्स कंप्लायंस में उत्तर कोरिया के प्रमुख कानूनी सलाहकार सोफिया इवेंजेलो ने बताया कि हताश उत्तर कोरियाई महिलाएं "किसी भी तरह से पलायन करने का कोई भी अवसर लेती हैं".वे अक्सर जानती हैं कि भ्रष्ट तस्करी के गिरोहों द्वारा उनका शोषण किया जाएगा और उन्हें देह व्यापार में बेच दिया जाएगा.उन्होंने कहा, "हम यह सुनकर हैरान हैं कि कई उत्तर कोरियाई महिलाएं उत्तर कोरिया में रहने के बजाय यौन शोषण का शिकार होना पसंद करती हैं.मानवाधिकार फर्म ने कहा कि भयभीत महिलाओं को पुरुषों की भीड़ के सामने सड़कों पर घुमाया जाता है और पीटा जाता है - और कुछ सैकड़ों डॉलर में बेचा जाता है."

यह अनुमान लगाया गया है कि चीन में उत्तर कोरियाई शरणार्थियों की 70 से 80 प्रतिशत महिलाएँ देह व्यापार में तस्करी कर लाई जाती हैं - इस उद्योग का मूल्य $105 मिलियन है.2019 में, कोरिया फ्यूचर इनिशिएटिव की एक रिपोर्ट में पाया गया कि पीड़ितों में 12 से 29 वर्ष के बीच की महिलाएं और लड़कियां हैं.वहीं चीन की ऐतिहासिक एक-बाल नीति ने देश में बड़े पैमाने पर लिंग असंतुलन पैदा करके और चीनी पुरुषों के लिए शादी करना मुश्किल बनाकर अरबों डॉलर के सेक्स स्लेव उद्योग को बढ़ावा दिया है.चीनी अधिकारी "रेड जोन" में शायद ही कभी निरीक्षण करते हैं

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