नई दिल्ली: स्मार्टफोन स्वाभाविक बातचीत को खत्म कर रहा है, सोमवार को एक नए अध्ययन में पता चला है कि 10 में से 8 से अधिक विवाहित भारतीयों का मानना है कि मोबाइल का अत्यधिक उपयोग उनके रिश्तों को बड़ा नुकसान पहुंचा रहा है.
67 प्रतिशत लोगों ने स्वीकारी इस खराब आदत की लत
दिलचस्प बात यह है कि 67 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि वह अपने जीवनसाथी के साथ समय बिताते हुए भी फोन पर लगे रहते हैं, यानी जीवनसाथी के साथ भी समय बिताते हैं और फोन पर भी लगे रहते हैं.
अध्ययन के अनुसार, अत्यधिक स्मार्टफोन उपयोग के साथ 66 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके संबंध कमजोर हो गए हैं. साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) के सहयोग से वीवो द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, स्मार्टफोन के अधिक उपयोग से मनोवैज्ञानिक परिवर्तन भी होते हैं, 70 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि अगर उनके पति स्मार्टफोन में व्यस्त रहते हैं तो वह चिढ़ जाते हैं.
आपस में बातचीत करने में विचलित रहते हैं जीवनसाथी
वीवो इंडिया के प्रमुख ब्रांड रणनीति योगेंद्र श्रीरामुला ने कहा, आज के जीवन में स्मार्टफोन का महत्व निर्विवाद है, लेकिन अत्यधिक उपयोग ऐसा क्षेत्र है जिससे उपयोगकर्ताओं को सावधान रहने की जरूरत है. भारत में 1.2 बिलियन से अधिक मोबाइल फोन उपयोगकर्ता और 600 मिलियन स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हैं.
अध्ययन के अनुसार, विवाहित जोड़े ज्यादातर अपने साथी के साथ बातचीत करते समय विचलित होते हैं, 69 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने स्वीकार किया कि वह अपने जीवनसाथी के साथ बातचीत करते समय पूरा ध्यान नहीं देते हैं. भारतीय समस्याओं को स्वीकार कर रहे हैं और अपने स्मार्टफोन से जुड़े व्यवहार को बदलने को तैयार हैं. अध्ययन में कहा गया है कि लगभग 88 प्रतिशत लोग अपने जीवनसाथी के साथ सार्थक बातचीत के लिए अधिक खाली समय देना चाहते हैं.
(इनपुट- आईएएनएस)
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