नई दिल्ली, UP State Capital Region: देश की राजधानी दिल्ली-एनसीआर के जैसे ही अब उत्तर प्रदेश में भी एससीआर (SCR) यानि कि स्टेट कैपिटल रीजन को भी हर झंडी मिल गई है. इस मॉड्यूल में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत 6 जिलों को मिलाकर एससीआर बनाया जाएगा.
उत्तर प्रदेश में बनेगा एस.सी.आर...
उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए सूबे की योगी सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है. प्रदेश का तेजी से विकास करने के लिए योगी गवर्नमेंट ने एक और बड़े प्रोजेक्ट को हर झंडी दे दी है. इस मॉड्यूल में दिल्ली-एनसीआर के जैसे ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, हरदोई, सीतापुर,उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को मिलाकर एस सी आर बनने जा रहा है. इसके लिए एक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.
क्या है एस.सी.आर (SCR)?
रिपोर्ट्स के मुताबिक की राजधानी लखनऊ पर जनसंख्या का भार तेजी से बढ़ रहा है. इस कारण भविष्य में इसके आसपास के इलाकों में विकास की और भी अधिक जरुरत है. वहीं इसको लेकर सीएम योगी का कहना है कि ऐसे में लखनऊ से आसपस के जिले जैसे हरदोई, सीतापुर,उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को जोड़ा जाना चाहिए. जिससे रोजगार एक आलावा अन्य विकास कार्यों में एक दूसरे शहरों को मदद मिलेगी.
कौन होगा एस.सी.आर का हैड?
इसके लिए 6 जिलों के करीब 27,826 क्षेत्रफल वर्ग किलोमीटर के इलाकों को मिलाकर एससीआर बनाया जाएगा. इस अथॉरिटी का हेडक्वार्टर राजधानी लखनऊ में होगा और इसके हेड खुद सीएम योगी होंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस तरह का स्टेट कैपिटल रीजन साल 2014 में आंध्र प्रदेश ने बनाया था. इसके लिए आंध्र प्रदेश ने अमरावती, विजयवाड़ा, गुंटूर को मिलाकर अपनी राजधानी को एक्सटैंड किया था.
UP-SCR से क्या होंगे फायदे?
स्टेट कैपिटल रीजन बनने से यूपी राजधानी लखनऊ के पड़ोसी जिलें जैसे हरदोई, सीतापुर,उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी में मेट्रो और बसों की कनेक्टिविटी की जाएगी. इसके अलावा लखनऊ SCR रीजन में सड़क, पुल और फुट ओवरब्रिज के साथ-साथ ऊंची इमारतें भी बनेंगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश एस सी आर में ट्रैफिक सिस्टम बेहतर करने को लेकर भी सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा. यहां पर ट्रैफिक मॉड्यूल को नए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे यहां की जनता को बेहतर ट्रैफिक सुविधा मिल सके.
इसके अलावा एस सी आर में अवैध सोसायटी, अतिक्रमण पर लगाम लगाया जाएगा. इससे राजधानी में आने-जाने वाले लोगों की दिक्कतें खत्म होगी. एससीआर में .फीडर बसों के साथ इलेक्ट्रिक बसें भी रफ्तार पकड़ेगी. वहीं रेलवे स्टेशन, अंतरराज्यीय बस स्टैंड तक पहुंचना भी आसान होगा.
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