नई दिल्ली: सरकार के सामाजिक सुरक्षा के प्रमुख कार्यक्रम अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष में अबतक 65 लाख अंशधारक जुड़े हैं. इसके साथ योजना से जुड़े अंशधारकों की संख्या साढे छह साल में 3.68 करोड़ पर पहुंच गयी है.
2015 में हुई थी योजना की शुरुआत
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. एपीवाई की शुरूआत नौ मई, 2015 को की गयी. इसका मकसद मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र के लोगों को वृद्धावस्था में निश्चित आय उपलब्ध कराना है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘साढ़े छह साल में अटल पेंशन योजना से 3.68 करोड़ अंशधारक जुड़े हैं. चालू वित्त वर्ष में अबतक 65 लाख अंशधारक जुड़े.''
योजना शुरू होने के बाद से किसी एक वित्त वर्ष की इसी अवधि में अंशधारकों की यह संख्या सर्वाधिक है. योजना के तहत पुरुष-महिला अनुपात सुधरकर 56:44 पहुंच गया. इस योजना के अंतर्गत प्रबंधन अधीन संपत्तियां 20,000 करोड़ रुपये पहुंच गयी हैं.
एक करोड़ अंशधारकों को जोड़ने का है लक्ष्य
पेंशन कोष नियामक एवं विकास विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में हमारा लक्ष्य एक करोड़ अंशधारकों को योजना से जोड़ने का है.
साथ ही आने वाले समय में देश में सभी को पेंशन के दायरे में लाने का लक्ष्य है. हम इसे प्राप्त करने के लिए लगातार सक्रिय पहल करेंगे.’’ एपीवाई का संचालन पीएफआरडीए कर रहा है.
इस योजना से देश का 18 साल से 40 साल का कोई भी नागरिक जुड़ सकते हैं. इसके तहत 60 साल की उम्र पूरी होने पर न्यूनतम 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक मासिक पेंशन का प्रावधान किया गया है.
अंशधारक का निधन होने पर पेंशन उसकी पत्नी (या पति) को मिलेगी. दोनों के निधन पर पूरा पेंशन कोष नामित व्यक्ति को मिल जाएगा.
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