नई दिल्लीः भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में बुधवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. भारत ने इस मैच में चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया है जिसके कारण ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली है. मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और ऑलराउंडर शारदुल ठाकुर तेज गेंदबाज की भूमिका निभाएंगे जबकि ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा अंतिम एकादश में एकमात्र स्पिनर हैं. ऑस्ट्रेलिया ने भी इस मैच में तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड को मौका दिया है.
दोनों टीमों की प्लेइंग-11
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, केएस भरत (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, शार्दूल ठाकुर, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, मोहम्मद सिराज.
ऑस्ट्रेलिया: पैट कमिंस (कप्तान), डेविड वॉर्नर, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हेड, कैमरन ग्रीन, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), नाथन लायन, मिचेल स्टार्क, स्कॉट बोलैंड.
इंग्लैंड में दोनों ही टीमें पहली बार एक-दूसरे के खिलाफ खेल रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया ने अब तक इंग्लैंड में 176 टेस्ट खेले हैं, जिनमें उसे महज 31% मुकाबलों में हार मिली. वहीं, टीम इंडिया ने यहां 68 मैच खेले और केवल 9 ही जीते हैं. मैदान की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया ने ओवल पर 38 टेस्ट में सिर्फ 7 जीते हैं यानी 14% मुकाबले जीते. इंडिया ने यहां 14 मुकाबले खेले और सिर्फ 2 में जीत हासिल की है.
इस मैदान पर 1971 में खेले गए टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को शिकस्त दी थी. कप्तानी अजित वाडेकर कर रहे थे और लेग स्पिनर चंद्रशेखर ने 38 रन देकर 6 विकेट लिए थे. यह पहली बार था, जब भारत ने इंग्लैंड को इंग्लैंड में हराया, आजादी के 24 साल बाद.
हेड टु हेड में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी
हेड टु हेड की बात करें तो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक कुल 106 टेस्ट मैच खेले गए हैं. ऑस्ट्रेलिया को 44 में और भारत को 32 मैचों में जीत मिली है. 29 मुकाबले ड्रॉ और एक टाई रहा.
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