Bloody Moments of Football: फुटबॉल का खेल दुनिया भर में मशहूर है और इस खेल के दीवाने दुनिया के हर कोने में देखने को मिल जाते हैं, हालांकि इस खेल की दीवानगी का इतिहास खून से सना हुआ है. इसका एक उदाहरण शनिवार की रात तब देखने को मिला जब इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के मलंग में एक फुटबॉल मैच के दौरान मची भगदड़ और झड़प में कम से कम 129 लोगों की मौत हो गई और 180 अन्य लोग घायल हो गए.
इंडोनेशियाई पुलिस की ओर से दी गई इस जानकारी के बाद खेल जगत में सन्नाटा छाया हुआ है. कांजुरुहान स्टेडियम में खेले गये इस मैच में अरेमा मलंग क्लब और पसेर्बाया सुरबाया के बीच मुकाबला खेला गया जिसमे अरेमा की टीम को हार का मुंह देखना पड़ा. टीम की हार के बाद गुस्साए फैंस मैदान में घुस आए, जिससे आरजकता फैल गई और इस दौरान दो पुलिसकर्मियों की भी मौत हो गई है.
आज हम आपको फुटबॉल इतिहास के ऐसे ही 3 किस्सों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके चलते यह खेल खूनी बन गया.
हिल्सब्रो की त्रासदी (Hillsborough disaster)
किसी मैच के दौरान हुई सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी की बात करें तो हिल्सब्रो का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है, जहां पर साउथ यॉर्कशयर के शेफील्ड में स्थित हिल्सब्रो स्टेडियम में 15 अप्रैल 1989 में खेले गये इस मैच में यह त्रासदी देखन को मिली थी. यह दुर्घटना एफए कप के सेमीफाइनल मैच के दौरान देखने को मिली थी जो कि लिवरपूल और नॉटिंघम फॉरेस्ट की टीम के बीच खेला गया था. इस दौरान स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था.
स्टेडियम के बाहर भी प्रशंसकों की भारी भीड़ जमा थी जिसे हैंडल करने के लिये पुलिस मैच कमांडर ने मैच शुरू होने से कुछ देर पहले एक्जिट गेट सी को खोल दिया और लोगों को बाहर करने की कोशिश की. हालांकि यहां पर लोग बाहर जाने के बजाय अंदर घुसते चले गये. भारी भीड़ और समर्थकों के हंगामे के बीच भगदड़ मच गई और नतीजन 97 मौत और 766 से ज्यादा लोग घायल हो गये. यह ब्रिटिश खेल इतिहास में होने वाली सबसे बड़ी दुर्घटना है. मैच को रद्द कर के बाद में 7 मई 1989 को दोबारा खिलाया गया और लिवरपूल की टीम ने जीत हासिल की.
एजिप्ट में फुटबॉल हुए दंगे (Egyptian Soccer Riot)
साल 2012 में एजिप्ट के सिटी ऑफ पोर्ट में खेले गये एक फुटबॉल मैच के दौरान दोनों टीमों के फैन्स के बीच झड़प हो गई जिसने करीब 73 लोगों की जान ले ली. यह एजिप्ट में राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के विरोध प्रदर्शन के बाद हुई दूसरी सबसे बड़ी घटना है.
कोलकाता डर्बी के दौरान हुई भगदड़ (Kolkata Derby Stampede)
इस लिस्ट में तीसरी घटना भारत की है और वो उसके फुटबॉल इतिहास के दो सबसे पुराने क्लब के बीच मैच के दौरान हुई थी. भारतीय फुटबॉल के दो सबसे पुराने क्लब की बात की जाये तो इसमें मोहन बागान और ईस्ट बंगाल का नाम आता है और दोनों के बीच की राइवलरी को बंगाल-घोटी के नाम से जाना जाता है. इसे फीफा की ओर से भी सबसे बड़ी राइवलरीज में गिना जाता है. यह दुखद घटना 16 अगस्त 1980 की है जब ईडन गार्डन्स के मैदान पर दोनों टीमें कलकत्ता फुटबॉल लीग मैच खेलने उतरी थी.
आमतौर पर दोनों टीमों के फैन्स को अलग-अलग को बिठाया जाता है लेकिन इस मैच के दौरान न तो पुलिस थी और न ही फैन्स को अलग-अलग बिठाया गया था. मैच के दौरान मोहन बागान की कमान कॉम्पटन दत्ता के हाथों मे थी जबकि ईस्ट बंगाल को सत्यजीत मित्रा लीड कर रहे थे. मैच के दौरान ईस्ट बंगाल के लिये दिलीप पलित ने राइट बैक से अटैक करते हुए बिदेश बोश के साथ फाउल कर दिया, हालांकि रेफरी सुधीन चैटर्जी ने दिलीप पलित को कार्ड क्यों नही दिखाया.
एक ऐसी ही घटना मैच के 57वें मिनट में भी दिखेने को मिली जिसका बिदेश रंजन बोस ने जवाबी कार्रवाई की और उन्हें देखकर फैन्स भी भड़क उठे. ये घटना कुछ ही देर में इतनी बढ़ गई कि फैन्स की लड़ाइयों को देखकर लोगों में भगदड़ शुरु हो गई. स्टेडियम के छोटे दरवाजे खोल दिये गये लेकिन भगदड़ के बीच 16 फैन्स की मौत हो गई और पुलिस रिपोर्ट के अनुसार करीब 100 लोग घायल हो गये.
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