नई दिल्लीः भारत के हवाई कवच में एक और देश दिलचस्पी दिखा रहा है. इससे पहले भारत ने आकाश-1S एयर डिफेंस सिस्टम के निर्यात के लिए आर्मेनिया के साथ सफलतापूर्वक सौदा किया था. आर्मेनिया ने 6 हजार करोड़ रुपये में 15 मिसाइल सिस्टम खरीदने की डील की थी. रिपोर्ट्स की मानें तो अब एक और संभावित खरीदार के साथ भारत की बातचीत चल रही है. हालांकि अभी संभावित खरीदार देश का नाम सामने नहीं आया है, लेकिन रक्षा निर्यात में ये भारत की बढ़ती धमक की एक और मिसाल है.
इससे पहले भारत फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के निर्यात का बड़ा रक्षा निर्यात का सौदा कर चुका है. इसके अलावा इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देशों ने भी इसे खरीदने में रुचि दिखाई है.
क्या है आकाश-1S की खासियत?
आकाश एयर डिफेंस की बात करें तो इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है. ये सतह से हवा में मार करने वाला मीडियम रेंज मिसाइल सिस्टम है. ये दुश्मन के लड़ाकू विमानों, ड्रोन, मिसाइल और अन्य हवाई ऑब्जेक्ट को 25 किमी की सीमा के अंदर तक निशाना बना सकता है.
इस मिसाइल सिस्टम को भारतीय वायु सेना में 2014 और भारतीय सेना में 2015 में शामिल किया गया था. वायु सेना के पास 7 मिसाइल सिस्टम हैं जबकि सेना ने चार यूनिट खरीदी हैं. आकाश-1S की खासियत यह है कि ये किसी भी दिशा से होने वाले हमले को टार्गेट कर गिरा सकता है. ऊंचाई भरे क्षेत्रों में कम तापमान वाले चुनौती भरे हालात में भी ये सटीकता के साथ अपने लक्ष्य पर निशाना साध सकता है. इसकी ये खूबी इसे एयर डिफेंस का वर्सेटाइल एसेट बनाती है.
96% स्वदेशी घटकों से बना है मिसाइल सिस्टम
आकाश मिसाइल सिस्टम 96 फीसदी स्वदेशी घटकों से तैयार किया गया है. साथ ही रूस और पश्चिमी देशों पर निर्भरता नहीं प्रदर्शित करने वाले देशों को भारत आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ हथियार खरीदने का विकल्प प्रदान करता है.
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