कर्नाटक का कोल्लूर जिला अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए दक्षिण भारतीयों के लिए पवित्र तीर्थ है. इसकी वजह है यहां स्थित मूकाम्बिका मंदिर. लिखित तौर पर अपने आप में 1200 साल पुराना इतिहास समेटे हुए यह मंदिर देवी सरस्वती के ऐसे दिव्य धाम के तौर पर पूजित है जहां ज्ञान की देवी तीनों लोकों की महाशक्ति के रूप में स्थापित है.
इस साल बसंत पंचमी का पर्व देशभर में 16 फरवरी को मनाया जाने वाला है. इस दिन ज्ञान और सुर की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. कथाओं के अनुसार मां सरस्वती ने इस सृष्टि को स्वर दिया है.
आज सूर्य कुम्भ में आ गए हैं. संक्रांति का पुण्य आज ही है, गुरु भी उदय हो गए हैं. आज शाम चन्द्र दर्शन कर माता-पिता का आशीर्वाद लें भाग्य में परिवर्तन होगा.
आज गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन है, आज के दिन तारा देवी की पूजा की जती है. कहते हैं आज के दिन देवी को खुश करने के लिए अपनी मां की सेवा करनी चाहिए, जिससे तारा देवी खुश होकर आर्थिक समस्याएं दूर करती हैं.
ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कई उपाय हैं जिनके जरिए प्यार पाने का तरीका बताया गया है. सनातन परंपरा में प्रेम के अधिष्ठाता देवता कामदेव हैं. उनके मंत्र से अपना मनचाहा प्यार पाया जा सकता है
शुक्रवार यानी आज से ही गुप्त नवरात्रि का आरंभ हो रहा है. इस बार एक दिन अधिक मां की पूजा की जाएगी. गुप्त नवरात्रि तंत्र, मंत्र की सिद्धि के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है.
इस वर्ष की माघ नवरात्रि (Magh Gupt Navratri) में 17 फरवरी और 18 फरवरी दोनों ही दिन षष्ठी तिथि रहेगी. माघ माह की इस शिशिर नवरात्रि 2021 में 13 फरवरी को जहां गुरु पूर्व में उदित होंगे तो वहीं 14 फरवरी को शुक्र अस्त होंगे.
15 मार्च 2021 से एक बार फिर उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्मारती शुरू की जा रही है, जिसमें श्रद्धालु भी शामिल हो सकते हैं. इसमें शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग करवानी होगी
गुप्त नवरात्रि में पूजा का फल जल्दी और दोगुना मिलता है. इन दिनों में मां जल्दी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को मनवांछित फल देती हैं. इस दौरान मां की पूजा में शामिल होने वाली सामग्री का भी एक विशेष महत्व माना जाता है.
बसंत पंचमी के दिन सुर और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा करने पर उनका आशिर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन मां की अर्चना करने से कमजोर दिमाग के बच्चे भी कुशाग्र बुद्धि वाले हो जाते है.
मौनी अमावस्या को विशेष-पूजन आदि के लिए भी जाना जाता है. खास तौर पर ग्रह-नक्षत्र शांति और कई तरह के दोष निवारण के लिए मौनी अमावस्या को उपाय किए जा सकते हैं. अगर आप भी पितृ दोष से ग्रसित हैं और इससे जूझ रहे हैं तो मौनी अमावस्या को उपाय जरूर करें
शुक्र ग्रह को प्रेम का कारक माना गया है. कुंडली में लग्न, पंचम, सप्तम तथा एकादश भावों से शुक्र का संबंध होने पर युवक या युवती प्रेमी स्वभाव के होते हैं. प्रेम होना अलग बात है और प्रेम का सफल होना या मिल पाना अलग बात है. इन दोनों ही स्थितियों के लिए शुक्र का होना जरूरी है.