...जब बेपजामा हो गए नेताजी

Madhya Pradesh के मंदसौर में किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस ने ट्रैक्टर रैली आयोजित की थी. यहां कलेक्ट्रेट का घेराव करने के दौरान कांग्रेस नेता राकेश पाटीदार का पजामा खिसक गया. वे गेट पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे. 

Written by - Vikas Porwal | Last Updated : Jan 8, 2021, 08:28 PM IST
  • मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने बुलाई थी ट्रैक्टर रैली
  • कलेक्ट्रेट गेट पर चढ़ते समय कांग्रेस नेता का पजामा खिसका
...जब बेपजामा हो गए नेताजी

मंदसौर :  सियासत में पकड़ और पजामा दोनों में ही मजबूती बनी रहनी चाहिए. सियासी पकड़ भले ही धीरे-धीरे बने लेकिन पजामा तो शुरू से ही मजबूत रखना चाहिए. ऐसा न हो तो बंदा नेतागिरी में आगे नहीं जाता बल्कि उसे चुपचाप पीछे आना पड़ता है.  अगर नेता किसी रैली -वैली में जा रहा हो तो जोश में कहीं चढ़ने से पहले उसे पजामा जरूर चेक कर लेना चाहिए, नहीं तो होता क्या है कि आप को अपने पीछे खड़े लोगों से ही हल्की-फुल्की झेंप-झड़प करनी पडे़गी.  पजामा-पजामा ज्यादा हो गया. अब वाकया ही ऐसा है. ये वाकया पेश आया है मंदसौर में कांग्रेस के एक नेताजी के साथ, जहां कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली चल रही थी. 

अब मामला तफसील से, तो साहिबान, हुआ यूं कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मंदसौर में Congress ने ट्रैक्टर रैली बुलाई थी.  तय था कि मंदसौर कलेक्ट्रेट घेरी जाएगी. ये सारा मसला दिल्ली की सीमा पर जारी किसान आंदोलन के समर्थन में था. नेता लोग कुर्ता-पजामा पहनकर मौके पर पहुंचे. नारेबाजी होने लगी. एकदम से आंदोलन वाला माहौल बन गया. फोटो-वीडियो बनने लगी. जब Congress नेता कलेक्ट्रेट गेट की ओर बढ़ने लगे तो गेट बंद हो गया.  

एक दिन पहले अमेरिका वाले अपनी संसद फांदकर घुस गए तो हम क्या एक सरकारी दफ्तर का गेट नहीं फांद सकते. बस, इसी भावना के साथ नारेबाजी में माहौल गरम हुआ, गेट फांदने पर रजामंदी बनी और दो कांग्रेस वीर गेट फांदकर कलेक्ट्रेट का किला फतह करने की कोशिश करने लगे. एक तो कुछ ऊपर पहुंचे और दूसरे वीर राकेश पाटीदार (Rakesh Patidar) आधी ऊंचाई पर पहुंचे ही थे कि उनका पजामा ऊंचाई देखकर घबरा गया. पाटीदार ने एक-दो बार पजामे के पांव पकड़ मनाने की कोशिश की  लेकिन पजामे ने ऊंचाई पर जाने से सख्त इन्कार कर दिया और चक्कर खाकर गिर गया. 

उधर दिल्ली में किसानों की सरकार से बातचीत बेनतीजा रही और इधर आंदोलन खड़ा करने पहुंची एक भीड़, रैली बनने से पहले ही ध्वस्त हो गई. बात यहीं तक रहती तो भी कोई बात थी. लेकिन सोशल मीडिया का जमाना है. पजामा निकल कर तो वहीं रहा, लेकिन प्रकरण का वीडियो बड़ी दूर तक गया. किसानों की आवाज को मंदसौर से दिल्ली पहुंचाने निकली कांग्रेस ने नेता जी का गिरा पजामा दिल्ली ही नहीं न जाने कहां-कहां पहुंचाया दिया. वीडियो वायरल है, जनता मजा ले रही है. कह रही है बेनकाब करने निकले थे बेपजामा हो गए नेताजी. 

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