Lockdown से पर्यावरण को हुआ लाभ, कार्बन उत्सर्जन में आई 7 फीसदी की कमी

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से इस साल कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) के वैश्विक उत्सर्जन में सात फीसदी तक की कमी आई है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 12, 2020, 07:24 AM IST
  • कार्बन डाइऑक्साइड के वैश्विक उत्सर्जन में आई कमी
  • भविष्य में बढ़ सकता है उत्सर्जन
Lockdown से पर्यावरण को हुआ लाभ, कार्बन उत्सर्जन में आई 7 फीसदी की कमी

नई दिल्ली: साल 2020 के मार्च अप्रैल पूरी दुनिया के लिए बहुत कठिन महीने थे क्योंकि तब सभी कोरोना महामारी (Covid 19) से जूझ रही थी. जब लगभग पूरी दुनिया के अधिकतर देश Covid 19 के प्रकोप का सामना कर रहे थे तब इन देशों में Lockdown लगा हुआ था. 

पूरी तरह कारोबार बंद था और सभी कलकारखाने, फैक्ट्रियां और कम्पनियां बन्द थीं. इस वजह से पूरी दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) के उत्सर्जन में भी बड़ी मात्रा में कमी आयी थी.

कार्बन डाइऑक्साइड के वैश्विक उत्सर्जन में आई कमी

आपको बता दें कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से इस साल कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) के वैश्विक उत्सर्जन में सात फीसदी तक की कमी आई है.

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जर्नल अर्थ सिस्टम साइंस डेटा में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, उत्सर्जन पर नजर रखने वाले एक दर्जन वैज्ञानिकों के आधिकारिक समूह 'ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट' ने गणना की है कि 2020 में विश्व में 34 अरब मैट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का हवा में उत्सर्जन होगा. यह 2019 की तुलना में कम है जब 36.4 अरब मैट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का हवा उत्सर्जन हुआ.

भविष्य में बढ़ सकता है उत्सर्जन

उल्लेखनीय है कि Lockdown के बाद अब फिर से दुनिया में चहल पहल शुरू हो गयी है. पहले की तरह गतिविधियां तेज गति से शुरू हो गई हैं. हालांकि कोरोना का खतरा अब भी बरकरार है. वैज्ञानिकों ने बताया कि कार्बन डाइऑक्साइड के कम होने की मुख्य तौर पर वजह यह रही कि लोग घरों में रहे, कार और विमान से कम यात्राएं की.

रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि महामारी के खत्म होने के बाद कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन बढ़ेगा. भूमि परिवहन से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन का लगभग पांचवां हिस्सा बनाता है. ईस्ट एंजलिया विश्वविद्यालय में जलवायु वैज्ञानिक कोरिन लेक्वेरे ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से निपटने का रास्ता लॉकडाउन बिल्कुल नहीं है.

उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले इसी समूह के वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान जताया था कि उत्सर्जन में चार से सात फीसदी की कमी आ सकती है और यह कोविड-19 महामारी पर निर्भर करता है.

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