उत्तराखंड की सुरंग में फंसे 41 मजदूरो को जिंदा बचाने में 'साइलेंट फोर्स' बना ये संगठन

इस रेस्क्यू ऑपरेशन में करीब आधा दर्जन एजेंसी काम कर रही थीं. लेकिन इस ऑपरेशन का असल हीरो अगर किसी को कहा जा सकता है तो वह बॉर्डर सिक्योरिटो फोर्स (बीआरओ). 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 28, 2023, 10:54 PM IST
  • बीआरओ है ऑपरेशन की हीरो.
  • कई एजेंसियां कर रही थीं काम.
उत्तराखंड की सुरंग में फंसे 41 मजदूरो को जिंदा बचाने में 'साइलेंट फोर्स' बना ये संगठन

नई दिल्ली. उत्तराखंड टनल में 17 दिन से फंसे 41 मजदूर जिंदा बाहर आ गए हैं. सिलकियारा बैंड टनल के एक हिस्से के ढह जाने से वहां काम कर रहे 41 मजदूर वहीं फंस गए थे. लेकिन केंद्र और राज्य की कई एजेंसियों ने मिलकर इन्हें निकाल ही लिया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में करीब आधा दर्जन एजेंसी काम कर रही थीं. लेकिन इस ऑपरेशन का असल हीरो अगर किसी को कहा जा सकता है तो वह बॉर्डर सिक्योरिटो फोर्स (बीआरओ). 

कैसे बना बीआरओ हीरो
बीआरओ इस पूरे ऑपरेशन की प्लानिंग और एक्सीक्यूसन में केंद्रीय भूमिका में शामिल रहा. बीआरओ का सबसे बड़ा काम रहा, इस ऑपरेशन के लिए सबसे अहम मशीन को साइट तक पहुंचाने  का. बीआरओ की टीम ने अमेरिका की ऑगर मशीन को दिल्ली से देहरादून और फिर वहां से साइट पहुंचाने के प्रोजेक्ट को बड़ी सावधानी से कोआर्डिनेट किया. 

15 नवंबर को इस मशीन के स्पॉट पर पहुंचने के बाद ही शुरू हुआ ऑपरेशन. ये तो बस शुरुआत थी, इसके बाद बीआरओ ने दूसरे उपकरणों को भी स्पॉट तक पहुंचाने में बेहद अहम मदद की. ड्रिल मशीनें, अलग-अलग साइट के पाइप और आरओवी जैसे महत्वपूर्ण उपकरण जो बेहद बड़े साइज के उन्हें पहुंचाया गया. 

इन सभी मशीनों को पहुंचाने के लिए सबसे अहम सवाल था कि इसे कोआर्डिनेट कौन करे. क्योंकि यह मशीन किसी एक एजेंसी से नहीं बल्कि अलग-अलग एजेंसियों से आनी थीं. एअरफोर्स, सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के साथ केंद्र और राज्य की कई एजेंसियों को लूप में रखना, उनसे कन्फर्मेशन लेना, उनकी टीम से कोआर्डिनेट करना फिर ट्रांसपोर्टेशन का इंतजाम और बिना किसी नुकसान के इन मशीनों को तय समय में स्पॉट में भेजने का जिम्मा लिया बीआरओ की टीम ने. 

सबसे बड़ी चुनौती क्या थी?
अमेरिकन ऑगर मशीन के जरिए एक 900 मिलीमीटर के पाइप को कोलेप्स हुई टनल के अंत तक पहुंचाना था. इस ऑपरेशन के लिए हैदराबाद डीआरडीओ से प्लाज्मा कटिंग मशीन को लाने का काम भी बीआरओ ने किया. ऑगर और प्लाज्मा कटिंग मशीन के जरिए यह पाइप स्पॉट तक पहुंचाया गया. बीआरओ ने सिर्फ 48 घंटे में ड्रिलिंग साइट तक 1150 मीटर की रोड का कंस्ट्रक्शन करके दिया.

और कौन कौन सी एजेंसीज थीं शामिल
इंडियन आर्मी, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनएचआईडीसीएल, ओएनजीसी, आरवीएनएल, एसजेवीएन, टीएडीसी के साथ और कई एजेंसियां इस ऑपरेशन में शामिल थीं.

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