Election 2024: भाजपा-जेडीएस का गठबंधन तय, जानें एक सीट वाली पार्टी के साथ क्यों जा रही BJP?

Loksabha Election 2024: रविवार को बेंगलुरु में हुए एक पार्टी कार्यक्रम में जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा ने एलान कर दिया कि इस बार का आम चुनाव भाजपा और जेडीएस साथ मिलकर लड़ेंगी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 11, 2023, 12:06 PM IST
  • गठबंधन में 5 सीटें चाह रही जेडीएस
  • वोक्कालिगा और लिंगायत को एक करने का प्लान
Election 2024: भाजपा-जेडीएस का गठबंधन तय, जानें एक सीट वाली पार्टी के साथ क्यों जा रही BJP?

नई दिल्ली: Loksabha Election 2024: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने उन राज्यों में समीकरण साधने की कोशिश शुरू कर दी है, जहां पार्टी कमजोरी महसूस कर रही है. इसी क्रम में कर्नाटक (Karnataka) में भाजपा ने नई रणनीति अपनाते हुए जेडीएस की तरफ दोस्ती का हाथ बढाया है. रविवार को बेंगलुरु में हुए एक पार्टी कार्यक्रम में जेडीएस (Janata Dal Secular) प्रमुख एचडी देवगौड़ा ने एलान कर दिया कि इस बार का आम चुनाव भाजपा और जेडीएस साथ मिलकर लड़ेंगी. 

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा ने हाल ही में कहा कि मुझे खुशी है कि देवगौड़ा जी हमारे प्रधानमंत्री से मिले और वे पहले ही करीब चार सीटों को फाइनलाज कर चुके हैं. मैं उनका स्वागत करता हूं.

5 सीटें मांग रही जेडीएस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेडीएस बेंगलुरु ग्रामीण, मांड्या, चिकबल्लापुर, तुमाकुरु और हासन की लोकसभा सीट अपने खाते में चाह रही है. जबकि बीते चुनाव में जेडीएस ने सिर्फ हासन सीट पर जीत दर्ज की थी. इन सीटों में चिकबल्लापुर को छोड़कर बाकी चारों सीटों पर देवगौड़ा परिवार के सदस्य चुनावी मैदान में उतरते रहे हैं. 

दो समुदायों को एक करने का प्लान 
कर्नाटक में 17 फीसदी मतदाता लिंगायत समुदाय के हैं, जो भाजपा का कोर वोट बैंक माना जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा इसी समुदाय से आते हैं. इसके बाद 15 फीसदी आबादी वाला वोक्कालिगा समुदाय राज्य का दूसरा सबसे प्रभावशाली समाज है. वोक्कालिगा समुदाय पारंपरिक रूप से जेडीएस का वोटर माना जाता है. यदि ये दोनों समुदाय साथ आते हैं तो एनडीए का वोट बेस 32 फीसदी के करीब जा सकता है. 

50 फीसदी वोट शेयर पाना चाह रहा एनडीए 
बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 36.3 फीसदी वोट शेयर के साथ 66 सीटें जीती थी. जबकि जेडीएस ने 13.4 फीसदी वोट शेयर के साथ 19 सीटें जीतीं. अब भाजपा का प्लान यही है कि लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी वोट शेयर पर कब्जा जमाया जाए. बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 43.2 फीसदी वोट के साथ 135 सीटें मिली थीं. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा-जेडीएस का गठबंधन कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती पैदा हो सकती है.

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