नागपुर. महाराष्ट्र के नागपुर शहर के चार मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए शुक्रवार को ‘वस्त्र संहिता’ (ड्रेस कोड) लागू कर दी गई. राज्य में मंदिरों के एक संघ ने यह जानकारी दी. महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल पर ‘ड्रेस कोड’ लागू करने का मुद्दा इस महीने की शुरुआत में सुर्खियों में आया था, जब प्रसिद्ध तुलिजा भवन मंदिर ने श्रद्धालुओं की वेशभूषा निर्धारित करने की कोशिश की थी. हालांकि, विरोध के बाद मंदिर ने यह योजना वापस ले ली थी.
महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के संयोजक सुनील घनवंत ने संवाददाताओं को बताया कि महासंघ ने राज्य के कुछ मंदिरों के लिए एक ‘वस्त्र संहिता’ पेश की है. उन्होंने बताया कि यह ‘वस्त्र संहिता’ धंतोली के गोपालकृष्ण मंदिर, बेलोरी (साओनेर) के संकटमोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर, कनोलीबारा के बृहस्पति मंदिर और हिलटॉप इलाके के दुर्गामाता मंदिर में शुक्रवार से लागू कर दी गई.
आपत्तिजनक कपड़ों पर रोक
घनवंत के मुताबिक, फरवरी में जलगांव में महाराष्ट्र मंदिर ट्रस्ट परिषद की बैठक के बाद ‘वस्त्र संहिता’ लागू करने का फैसला किया गया था और इसके तहत श्रद्धालुओं के मंदिर परिसर में ‘आपत्तिजनक’ कपड़े पहनने पर रोक लगा दी गई है.
क्यों लिया गया फैसला?
उन्होंने दावा किया, 'इस फैसले का मकसद मंदिरों की पवित्रता की रक्षा करना है. कई मंदिरों में इस तरह की संहिता पहले ही लागू की गई है.' घनवंत ने कहा कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से राज्य सरकार के नियंत्रण वाले मंदिरों में भी ‘वस्त्र संहिता’ लागू करने का अनुरोध करेंगे.