पिछले साल भारत का सबसे प्रदूषित शहर रहा दिल्ली, 131 शहरों को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए

एनसीएपी ट्रैकर समाचार पोर्टल ‘कार्बन कॉपी’ और महाराष्ट्र के एक स्टार्ट-अप ‘रेस्पायर लीविंग साइंसेज’ की संयुक्त परियोजना है और इसे खास तौर से स्वच्छ वायु का लक्ष्य हासिल करने में भारत की प्रगति पर नजर रखने के लिए विकसित किया गया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 10, 2023, 04:24 PM IST
  • जानिए बाकी शहरों का क्या है हाल
  • आंकड़े दे रहे हैं कई चेतावनी
पिछले साल भारत का सबसे प्रदूषित शहर रहा दिल्ली, 131 शहरों को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए

नई दिल्लीः केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 2022 में दिल्ली भारत का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा और इस दौरान पीएम 2.5 की मात्रा सुरक्षित स्तर से दोगुना से ज्यादा रही और पीएम 10 के सांद्रण में शहर तीसरे नंबर पर रहा. एनसीएपी ट्रैकर की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में पीएम 2.5 का प्रदूषण पिछले पांच वर्षों में करीब सात प्रतिशत घटा है और 2019 के 108 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से घटकर यह 2022 में 99.71 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रह गया है. 

इस रिपोर्ट में हुआ प्रदूषण का खुलासा
एनसीएपी ट्रैकर समाचार पोर्टल ‘कार्बन कॉपी’ और महाराष्ट्र के एक स्टार्ट-अप ‘रेस्पायर लीविंग साइंसेज’ की संयुक्त परियोजना है और इसे खास तौर से स्वच्छ वायु का लक्ष्य हासिल करने में भारत की प्रगति पर नजर रखने के लिए विकसित किया गया है. केन्द्र सरकार ने 10 जनवरी, 2019 को ‘राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम’ शुरू किया था जिसका लक्ष्य 2017 को आधार वर्ष मानते हुए 2024 तक 102 शहरों में पीएम 2.5 और पीएम 10 प्रदूषकों की मात्रा को 20 से 30 प्रतिशत तक कम करना है. कार्यक्रम के शुरू होने से अभी तक इस सूची में कुछ नये शहरों के नाम जोड़े गए हैं, जबकि कुछ के नाम हटाए भी गए हैं.

131 शहर मानकों पर खरे नहीं उतरे
 फिलहाल देश में 131 ऐसे शहर हैं जो राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम के तहत 2011 से 15 तक राष्ट्रीय परिवेषी वायु गुणवत्ता मानदंड (एनएएक्यूएस) पर खरे नहीं उतरते हैं. सरकार ने सितंबर 2022 में वायु गुणवत्ता को लेकर नया लक्ष्य तय किया जिसके अनुसार, 2026 तक प्रदूषकों को 40 प्रतिशत तक कम किया जाना है. 

सीपीसीबी के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, पीएम 2.5 के स्तर के आधार पर सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली (97.71 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर), हरियाणा का फरीदाबाद (95.64 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) दूसरे नंबर पर और उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद (91.25 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) तीसरे नंबर पर हैं. पीएम 2.5 प्रदूषक ज्यादा घातक होते हें क्योंकि इनका आकार (व्यास) 2.5 माइक्रॉन से भी छोटा होता है और ये फेफड़े तथा रक्त नलिकाओं में प्रवेश कर सकते हैं. 

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