कल आएगा दिल्ली HC का निर्णय, जेल में रहेंगे या बाहर आएंगे केजरीवाल?

दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत से अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत पर रोक लगा दी थी. अब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है. इसी बीच हाईकोर्ट मंगलवार को बेल पर निर्णय सुना सकता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 24, 2024, 06:02 PM IST
  • कल फैसला सुनाएगा हाईकोर्ट.
  • कोर्ट ने लगाया हुआ है स्टे.
कल आएगा दिल्ली HC का निर्णय, जेल में रहेंगे या बाहर आएंगे केजरीवाल?

नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल की जमानत पर लगी रोक बरकरार रहेगी या नहीं, इस पर दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश कल आएगा. इस आदेश से ही साफ होगा कि केजरीवाल अभी जेल से बाहर पा आएंगे या नहीं. कल दोपहर बाद ढाई बजे जस्टिस सुधीर कुमार जैन की बेंच आदेश सुनाएगी. 20 जून को निचली अदालत ने केजरीवाल को जमानत दी थी. लेकिन इसके खिलाफ ED की याचिका पर सुनवाई करते हुए अगले ही दिन दिल्ली HC ने जमानत पर अंतरिम रोक लगा दी थी. साथ ही कोर्ट ने जमानत पर रोक की ED की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था.

सुप्रीम कोर्ट 26 जून को करेगा सुनवाई
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख तय की है. जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने सोमवार को कहा कि वह इस मुद्दे पर हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहेगी.

क्या बोले अभिषेक मनु सिंघवी
सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी ने जमानत आदेश पर अंतरिम रोक हटाने का अनुरोध किया. सिंघवी ने कहा-केजरीवाल के फरार होने का जोखिम नहीं है. उन्होंने पीठ से हाईकोर्ट का आदेश सुनाए जाने से पहले उस पर रोक लगाने का अनुरोध किया. सिंघवी ने कहा-मैं जानता हूं कि मैं क्या कह रहा हूं. इस अदालत को हाईकोर्ट का आदेश सुनाए जाने से पहले उस पर रोक लगानी चाहिए जैसे कि हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा महज उल्लेख किए जाने पर जमानत आदेश पर रोक लगा दी थी.

ED की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने केजरीवाल की याचिका का विरोध किया और कहा कि हाईकोर्ट उसकी रोक संबंधी याचिका पर फैसला सुनाने वाला है. पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने 21 जून को दोनों पक्षों को 24 जून तक लिखित दलीलें देने को कहा था और उसने कहा कि एक या दो दिन में आदेश सुनाया जा सकता है. बहरहाल, जस्टिस मिश्रा ने कहा कि रोक का आदेश आम तौर पर उसी दिन सुनाया जाता है न कि सुरक्षित रखा जाता है. उन्होंने कहा-यह असामान्य है. कोर्ट ने कहा कि अदालत इस मुद्दे पर तस्वीर साफ होने के लिए हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहती है.

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