नई दिल्ली: घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाएं कितनी बार बोलती हैं? जवाब है 'कई बार नहीं'. यही कारण है कि टीवी और बॉलीवुड एक्ट्रेस मोना सिंह सोन्या वी कपूर द्वारा निर्देशित अपनी आगामी लघु फिल्म 'एक चुप' में घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने जा रही हैं. मोना को 'जस्सी जैसी कोई नहीं' की मुख्य अभिनेत्री के रूप में याद किया जाता है. हाल ही में मोना को आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' में देखा गया था. हालांकि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह असफल रही थी.
'एक चुप' को लेकर चर्चा में हैं मोना सिंह
मोना लघु फिल्म में काम करने के अपने अनुभव के बारे में बात करती है, जो लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा पर केंद्रित है. मोना ने कहा, 'एक चुप मुहावरे 'एक चुप सौ सुख' पर आधारित है. आप जानते हैं कि भारतीयों के रूप में ज्यादातर मां अपनी बेटियों को चुप रहने के लिए कहती हैं और सब कुछ ठीक हो जाएगा. हालांकि, महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए खड़े होना जरूरी है और मुझे लगता है कि यह फिल्म और स्क्रिप्ट इस विषय पर बात करने के लिए बिल्कुल सही थी.'
एक्ट्रेस ने कही ये बात
बता दें कि मोना सिंह अपनी डॉक्यूमेंट्री 'वंस देयर अ पर्पल बटरफ्लाई' के लिए ब्रिटिश फिल्म फेलोशिप की विजेता हैं. उन्होंने कहा कि, 'सोन्या बहुत शांत, रचनाशील और स्क्रिप्ट के बारे में एक ²ष्टि के साथ थी. वह जानती थी कि उन्हें क्या चाहिए. इसलिए एक ऐसे व्यक्ति के साथ काम करने में बहुत मजा आया जो जानता है कि व्यक्ति क्या चाहता है, इसलिए सब कुछ बहुत ही सामने आता है खूबसूरती से.'
लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के दर्द की कहानी है 'एक चुप'
निर्देशक अपनी लघु फिल्म और इसे बनाने के पीछे के पूरे विचार के बारे में बात करते हैं, जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा के एक बहुत ही प्रासंगिक विषय को उजागर करना है. उनका कहना है कि, 'फिल्म एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे पर आधारित है. 'एक चुप' का निर्माण अमृता मेंडोंजा और सोन्या वी. कपूर ने अपने बैनर एम5 एंटरटेनमेंट के तहत किया है.
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