सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण ने माफीनामा से किया इनकार, कल होगी सजा पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में प्रशांत भूषण ने माफीनामा दाखिल करने से इनकार कर दिया है. अब 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट प्रशांत भूषण पर सुनवाई करेगी..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 24, 2020, 02:37 PM IST
    • प्रशांत भूषण ने दाखिल नहीं किया माफीनामा
    • आज खत्म हो गई सुप्रीम कोर्ट की मियाद
    • 25 अगस्त को भूषण की सजा पर सुप्रीम सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण ने माफीनामा से किया इनकार, कल होगी सजा पर सुनवाई

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना मामले में दोषी वकील प्रशांत भूषण ने सोमवार को  सुप्रीम कोर्ट में माफीनामा दाखिल करने से इनकार कर दिया है. अब प्रशांत भूषण की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.

खुद को निर्दोष बताते हुए माफी मांगने से किया इनकार

वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर माफी मांगने से मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के दोषी वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट में बिना शर्त माफीनामा दाखिल करने के लिए आज तक का समय दिया था. अब उनकी सजा पर सुनवाई 25 अगस्त को होगी.

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में आदेश में लिखा था कि "हमने अवमानना के दोषी को बिना शर्त माफी मांगने के लिए समय दिया है. वह चाहे तो 24 अगस्त तक ऐसा कर सकता है. अगर माफीनामा जमा होता है, तो उस पर 25 अगस्त को विचार किया जाएगा."

गुरुवार को सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में महात्मा गांधी के बयान का हवाला देते हुए कहा था कि न मुझे दया चाहिए, न मैं इसकी मांग कर रहा हूं. मैं कोई उदारता भी नहीं चाह रहा हूं, कोर्ट जो भी सज़ा देगी मैं उसे सहस्र लेने को तैयार हूं.

14 अगस्त को दोषी साबित हुए प्रशांत भूषण

बीते 14 अगस्त को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना के मामले में देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को कोर्ट ऑफ कन्टेम्प्ट के मामले में दोषी माना था. 

दरअसल, अदालत ने ये कार्रवाई भूषण के 2 विवादित ट्वीट को लेकर की. ये विवादित ट्वीट वर्तमान CJI और 4 पूर्व CJI को लेकर किए गए थे. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और प्रशांत भूषण के खिलाफ नोटिस जारी किया. तो वहीं भूषण की तरफ से दलील दी गई थी कि जज की आलोचना SC की अवमानना नहीं है.

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