नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA)ने हाल ही में एक ऐसे द्वीप की तस्वीरें जारी की हैं, जो दुनिया का सबसे दूर-दराज का टापू है. इसका नाम ट्रिस्टन दा कुन्हा (Tristan da Cunha) है. इसे दुनिया का सबसे दूरस्थ आइसलैंड माना जाता है.
नई दिल्ली: Tristan da Cunha Photos: हाल ही में NASA ने एक ऐसे टापू की तस्वीरें जारी की हैं, जिसे दुनिया का सबसे दूरस्थ आइसलैंड माना जाता है. इस टापू के बारे में कम ही लोगों को पता है. ये ऐसा टापू हैं, जहां बेहद कम संख्या में इंसानी आबादी है. खास बात ये है कि यहां पहुंचने के लिए 6 दिन का समुद्री सफर करना पड़ता है. आओए, जानते हैं कि यहां के लोग कैसे कमाते हैं और यहां किसका कानून चलता है?
यह टापू दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन से 2,787 किलोमीटर दूर दक्षिण अटलांटिक महासागर में बसा है. इसका सबसे नजदीकी टापू सेंट हेलेना है, जो इससे करीब 2437 किलोमीटर दूर है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये टापू कितना दूर है. (Image: NASA)
इस टापू की आबादी इनती है जितनी भारत के छोटे इलाकों के मोहल्लों में होती है. 2018 तक ब्रिटिश ओवरसीज टेरिटरीज सिटीजनशप के साथ यहां 250 स्थायी निवासी थे. लेकिन जुलाई 2023 के डेटा के अनुसार द्वीप की जनसंख्या केवल 234 ही रह गई थी. (Image: NASA)
दक्षिण अफ्रीका से इस टापू पर पहुंचने के लिए 6 दिन लगते हैं. इस टापू पर केवल नाव से ही आया जा सकता है. समुद्र के रास्ते आप इस टापू पर पहुंच सकते हैं. ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र होने चलते यहां का अपना संविधान भी है.
ट्रिस्टन दा कुन्हा का नाम इसके खोजकर्ता पर ही पड़ा है. दरअसल, 1506 में एक पुर्तगाली खोजकर्ता ट्रिस्टन दा कुन्हा ने इस टापू कको खोज निकाला था. बाकी जगहों से दूर होने और अनुकूल मौसम न होने के कारण यहां कई सालों तक कोई नहीं रहा. फिर साल 1816 में यहां ब्रिटिश सैनिकों का एक ग्रुप आया. इसमें महिलाएं और बच्चे भी थे.
तब नेपोलियन बोनापार्ट को सेंट हेलेना से रोकना था, इसलिए यहां पर ये ब्रिटिश सैनिक तैनात किए गए थे. लेकिन कुछ सैनिकों को ये जगह इतनी पसंद आई कि स्थिति सामान्य होने के बाद वे यहीं के होकर रह गए. यहां के लोग फिशिंग और पर्यटन से कमाई करते हैं.