नई दिल्ली: Jyotish Upay: लोगों के मन में मेहमानों को लेकर कई सारे सवाल उठते हैं. इसी तरह ज़ी मीडिया को संदेश भेजकर ग्वालियर से सुधा वशिष्ठ लिखती हैं कि 'पिछले कुछ महीनों से वह महसूस कर रही हैं कि उनके कुछ मेहमान जो बहुत सम्मानित हैं, वह बिना बुलाये घर पर पहुंच रहे हैं. ये सभी संबंधी अतिथि नहीं हैं कि बिना बुलाये पहुंच जायें. पहले आने से पहले वह फोन करते थे, लेकिन अब नहीं करते हैं.' वह वजह जानना चाहती हैं कि उनके मन में मेरे प्रति कुछ और तो नहीं चल रहा है या कोई और कारण तो नहीं है.
बिना बुलाए आ रहे हैं अतिथि?
आचार्य विक्रमादित्य ने बताया कि शास्त्रों में संबंधियों और अतिथियों में अंतर बताया गया है. संबंधी हमेशा बताकर आते हैं. उनके सम्मान में क्षमतानुकुल व्यवस्था की जाती है, लेकिन जो अतिथि होते हैं वह बिना बुलाये आते हैं. बिना बुलाये अतिथि का आना शुभ माना जाता है और उन्हें अच्छी तरह से आतिथ्य सेवा भी करनी चाहिए. यह संस्कार है और इसका फल मिलता है.
उन्होंने आगे बताया कि कोई भी अतिथि नाराज होकर घर से नहीं जाना चाहिए, लेकिन नजदीकी संबंधी जो होते हैं वह पूर्व परिचित होते हैं और आज के दौर में कम्युनिकेशन के माध्यम से भी बता देते हैं.
समझ लीजिए के दुर्भाग्य दस्तक दे रहा
'वह इस काम से आ रहे है, अगर बिना बताये एक दो बार आ गये हैं तो कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन अगर घर में शादीशुदा बहन, बेटी, बुआ, साली, मौसी, बिन बुलाए ठहरने हेतु आ जाए और ऐसा कई बार होने लगे तो समझ लीजिए के दुर्भाग्य दस्तक दे रहा है.'
आचार्य विक्रमादित्य ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि यही रिश्ते सबसे नजदीकी रिश्ते माने जाते हैं, इसके पीछे ग्रहों का कारण माना जाता है. घर के मालिक का बुध खराब चल रहा है. इससे रिद्धि और सिद्धि दोनों का नुकसान हो सकता है. उपाय के लिए गणेश जी की पूजा करें. दुर्वा अर्पित करें, दुर्भाग्य टल जायेगा.
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