नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में ग्रहों की स्थिति का जीवन का बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है. कभी यह प्रभाव सकारात्मक होता है या फिर कभी-कभी नकरात्मक. इसके अलावा हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हम कब नया काम शुरू कर रहे हैं. कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि शुभ काम शुरू करते ही कई अड़चनें आना शुरू हो जाती हैं, ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें करके आप इस तरह की समस्याओं से निजात पा सकते हैं.
याददाश्त तेज करने के लिए करें ये उपाय
प्रतिदिन उसके नहाने के पानी में बच्चे के सामने ही थोड़ा सा कच्चा दूध और आधी चम्मच हल्दी डाल दीजिए. नहाने के बाद उसे चंदन का तिलक लगाएं और उसे थोड़ी देर सरस्वती वंदना का उच्चारण करायें या इस मंत्र 'या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता' का उच्चारण करें. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: का उच्चारण करायें. इस प्रक्रिया को नियमित अपनाएं. आप कुछ दिनों के बाद देखेंगी कि आपके बच्चे में बदलाव आ रहा है. उसकी बौद्धिक क्षमता में विकास हो रहा है.
कुंडली के इस दोष का पड़ता है आंखों पर प्रभाव
जिस जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर तो उसके शरीर में अकड़न हमेशा बनी रहती हैं. आंखों की रोशनी कम हो जाती है. मुंह में बार-बार थूक आता है. जातक के चेहरे पर अजीब सी निराशा दिखाई देती है. कार्यस्थल पर अपने सीनियर्स के साथ इनके संबंध अच्छे नहीं हो पाते. सबसे मुख्य बात है कि जिस जातक की कुंडली में सूर्य दोष हो तो पिता और पुत्र के बीच दुश्मन जैसे व्यवहार दिखते हैं. इनकी प्रमोशन और तरक्की में हमेशा बाधा बनी रहती है.
कफ की समस्या से निजात के लिए करें ये उपाय
ऐसे तो कई मुद्राएं हैं. लेकिन वात-पित्त और कफ को संतुलित करने के लिए उदान मुद्रा विशेष तौर पर लाभकारी है. उदान मुद्रा का आप नियमित अभ्यास करें. इसे वात पित्त और कफ संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है. नियमित तौर पर करने से इस मुद्रा का अभ्यास करने से इसका व्यापक असर दिखता है.
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