नई दिल्ली: Bhagwat Geeta: महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया, जिसके बाद अर्जुन ने महाभारत के युद्ध में युद्ध करना शुरू किया था. भागवत गीता में कही गई बातें आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितनी युद्ध के मैदान में थीं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण को भागवत गीता का उपदेश देने की जरूरत क्यों पड़ी?
अर्जुन ने श्रीकृष्ण से कहा
गीता की उत्पत्ति कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में हुई थी. भगवान कृष्ण अर्जुन के सारथी बने. अर्जुन ने युद्ध के मैदान में देखा कि उनका अपना परिवार ही उनके विरुद्ध खड़ा है, इसलिए वे पारिवारिक मोह से घिर गये. तब अर्जुन ने श्रीकृष्ण से कहा कि यह अधर्म है. मैं अपने ही परिवार से राज्य के लिए कैसे लड़ सकता हूं. अर्जुन ने कहा कि हे माधव! मैं अपने ही परिवार के ख़िलाफ़ खड़ा नहीं हो सकता. तब श्रीकृष्ण ने कुरूक्षेत्र की रणभूमि में अर्जुन को उपदेश देते हुए कहा कि आप अपने क्षत्रिय धर्म का पालन करें और एक क्षत्रिय के रूप में अपने अधिकारों के लिए लड़ें.
भगवत गीता पढ़ने के फायदे
गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि किसी को धोखा देना एक कर्ज है, जो आपको किसी और के हाथों एक ना एक दिन जरूर मिलेगा.
आज भी कई लोग भगवदगीता का पालन करके जीवन में कठिनाइयों को दूर कर सकता हैं. गीता का पाठ करने से ज्ञान के साथ मानसिक शांति भी मिलती है. ऐसा माना जाता है कि गीता का पाठ करते समय हाथ में धागा बांधने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है.
श्रीमद्भागवत गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि यदि किसी काम को करने में डर लगे तो वे काम कभी नहीं करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)