EV Charging road: इस इलेक्ट्रिक रोड के बारे में कहा जा रहा है कि इस सड़क के ऊपरी हिस्से में बिजली नहीं है और इसपर नंगे पांव भी चला जा सकता है. इसे बनाने वालों की मानें तो सड़क में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जिससे कि गाड़ियों को चार्ज करने के लिए इन्हें रोकना नहीं पड़ेगा.
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Sweden is building the world's first electrified road: पर्यावरण को बचाने की मुहिम में स्वीडन पूरे यूरोप की अगुवाई कर रहा है. स्वीडन की सरकार ने भविष्य की जरूरतों को समझते हुए ई-व्हीकल सेगमेंट और उसकी चुनौतियों से निपटने के लिए काफी पहले काम करना शुरू कर दिया था. ऐसे में अब यहां ऐसी इलेक्ट्रिक सड़क बन रही है जो बैटरी से चलनी वाली हर गाड़ियों की सारी परेशानी एक साथ दूर कर देगी. ई-व्हीकल्स के लिए ये एक क्रांतिकारी योजना होगी. जिसका पायलट प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इसे पूरे देश में शुरू कर दिया जाएगा.
दुनिया की पहली इलेक्ट्रिक रोड
'यूरो न्यूज़' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपीयन यूनियन (EU) ने पिछले महीने 2035 से जीरो CO2 उत्सर्जन के लिए ऐतिहासिक कानून पास किया है. इसलिए यूरोपी के सारे देश जीवाश्म ईंधन मुक्त परिवहन के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए दौड़ रहे हैं. जबकि स्वीडन इससे पांच साल पहले यानी फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को 2030 तक खत्म करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है. ये इलेक्ट्रिक रोड यानी चुना गया मोटरवे, यूरोपीयन हाईवे E20, देश के तीन प्रमुख शहरों, स्टॉकहोम, गोथेनबर्ग और माल्मो के मध्य में स्थित हॉल्सबर्ग और ऑरेब्रो के बीच के लॉजिस्टिक हब को आपस में जोड़ता है. इस पायलट प्रोजेक्ट को 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा.
स्वीडन की सरकार और एक्सपर्ट्स का दावा
इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने वाली यह ई-रोड स्वीडन सरकार की देखरेख में बन रही है. भविष्य में इसे और विस्तार दिया जाएगा और देश में 20 हजार किलोमीटर तक ऐसी सड़कें, हाइवे बनाने का प्लान है. इस इलेक्ट्रिक रोड पर चलने वाले कार और ट्रक ड्राइवर बिना रुके चलते-चलते अपनी बैट्री रिचार्ज कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस डायनेमिक चार्जिंग से लोग भविष्य में छोटी बैटरी के साथ लंबी दूरी तय कर सकते हैं और चार्जिंग स्टेशनों पर कई घंटों तक इंतजार करने से बच सकते हैं.
2018 में शुरू हुआ था काम
साल 2018 में, स्वीडन के ट्रांसपोर्ट विभाग Trafikverket ने स्टॉकहोम के अरलांडा एयरपोर्ट और रोज़र्सबर्ग के बीच इसी थीम पर काम करते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दुनिया की पहली चार्जिंग रेल नेटवर्क का उद्घाटन किया था. तब दो किलोमीटर लंबी उस इलेक्ट्रिफाइड रोड से गुजरने वाली कारों और ट्रकों की बैटरी चार्ज हो जाती थी. दरअसल, इस रोड के बीचोंबीच में एक ऐसी पटरी थी जिससे गुजरने के दौरान इलेक्ट्रिक कारों और ट्रकों की बैटरीज चार्ज हो जाती थी. डामर से बनने वाली रोड में इस तरह से इलेक्ट्रिफिकेशन करके कंपनी ने भविष्य के लिए कुछ बड़ा कर गुजरने के संकेत दिए थे. उसी थीम से प्रेरणा लेते हुए अब देशभर में ऐसी सड़क बनाने की तैयारी है जिससे लोगों की ई गाड़ियों की चार्जिंग का टंटा ही खत्म हो जाएगा.
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