North Korea News: रूस में हुई किम-पुतिन बैठक के बारे में अमेरिका का आरोप है कि इसमें उत्तर कोरिया द्वारा मॉस्को को हथियार देने का समझौता हो सकता है. हालांकि दोनों नेताओं के बैठक के बाद दिए बयानों में ऐसा कुछ नहीं दिखा.
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Dangerous Weapons Of North Korea: उत्तर कोरिया नेता किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति के बीच हुई बैठक ने पश्चिम को बैचेन कर दिया है. अमेरिका का आरोप है कि किम जोंग और रूस के राष्ट्रपति की बुधवार को हुई शिखर बैठक के बाद उत्तर कोरिया गोला बारूद की आपूर्ति करने के लिए एक समझौता कर सकता है जिसका इस्तेमाल मॉस्को यूक्रेन में कर सकता है. हालांकि बैठक के बाद दोनों नेताओं के बयानों से ऐसे किसी समझौते की बात सामने नहीं आई है. हालांकि दोनों नेताओं ने कुछ संकेत जरूर दिए. बैठक के बाद रूस-उत्तर कोरिया के बीच सैन्य सहयोग के बारे में पूछे जाने पर पुतिन ने कहा, ‘हम बिना किसी जल्दबाजी के सभी मुद्दों पर बात करेंगे. अभी इसमें समय है.’किम ने क्रेमलिन प्रमुख पुतिन से कहा कि रूस पश्चिम के साथ एक पवित्र युद्ध लड़ रहा है और दोनों देश मिलकर 'साम्राज्यवाद' से लड़ेंगे. किम ने एक अनुवादक के माध्यम से पुतिन से कहा, 'रूस अपनी संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के लिए आधिपत्यवादी ताकतों के खिलाफ एक पवित्र लड़ाई के लिए आगे आया है.' उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति के साथ उनकी मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक 'प्रस्तावपूर्ण कदम' है.
माना जाता है कि पुतिन को सोवियत कालीन हथियारों के लिए पुराने गोला-बारूद और रॉकेट के भंडार की जरूरत है जो उत्तर कोरिया के पास प्रचुर मात्रा में है. इस तरह का अनुरोध 1950-53 के कोरियाई युद्ध की भूमिकाओं के उलट होने का प्रतीक होगा, जब मॉस्को ने दक्षिण कोरिया पर प्योंगयांग के आक्रमण का समर्थन करने के लिए हथियार दिए थे. हालांकि पुतिन के लिए उत्तर कोरिया से हथियार लेना इतना आसान भी नहीं होगा क्योंकि प्योंगयांग पर कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हैं.
आज हम जानते हैं उत्तर कोरिया के पास कौन-कौन से खतरनाक हथियार हैं.
तोपें
साल 2020 में अमेरिकी थिंक टैंक RAND की एक रिपोर्ट आई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि उत्तर कोरिया के पास छह हजार से ज्यादा तोपें हैं. अगर एक साथ हजारों तोपें दाग दी गईं तो घंटेभर में 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है.
मिसाइलें
उत्तर कोरिया ने पिछले कुछ सालों में कई मिसाइल टेस्ट किए हैं. इनमें बैलिस्टिक से लेकर क्रूज और हाइपरसोनिक मिसाइलें शामिल हैं. बताया जाता है कि इनमें से कुछ मिसाइलें तो ऐसी हैं जो रडार की पकड़ से बचने के लिए आवाज की स्पीड से भी कई गुना ज्यादा और कम ऊंचाई पर उड़ सकती हैं. कई मिसाइलें सबमरीन से भी लॉन्च की जा सकती हैं.
इसी साल अप्रैल में उत्तर कोरिया ने मिसाइल- ह्वासोंग-18 की टेस्टिंग की थी. ये सॉलिड-फ्यूल मिसाइल है, जो लिक्विड-फ्यूल मिसाइल की तुलना में जल्दी लॉन्च हो सकती है. इस उत्तर कोरिया की अब तक की सबसे खतरनाक मिसाइल बताया जा रहा है.
ह्वासोंग-18 ने पहले टेस्ट में एक हजार किलोमीटर तक लेकिन जुलाई में दूसरी टेस्टिंग के दौरान इसने 74 मिनट में 6,600 किलोमीटर का सफर तय कर लिया था. माना जाता है कि यह मिसाइल 15 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है.
उत्तर कोरिया ने पिछले साल इंटर-कॉन्टिनेंट बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट किया था. जापान की सरकार का कहना था कि ये मिसाइल सीधे अमेरिका तक पहुंच सकती है.
परमाणु हथियार
माना जाता है कि उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियारों को भी बड़ा जखीरा है. एक अनुमान के मुताबिक उत्तर कोरिया के पास 30 से 40 परमाणु हथियार हो सकते हैं और वह 6 से 7 ऐसे और हथियार बना सकता है.
उत्तर कोरिया साल 2003 में उत्तर कोरिया परमाणु अप्रसार संधि से पीछे हट गया था. और उसके बाद 2006 से लेकर 2017 के बीच उसने छह बार परमाणु हथियारों की टेस्टिंग की है.
यह भी कहा जाता है कि उत्तर कोरिया ने छोटे-छोटे परमाणु हथियार भी बनाए हैं, जिन्हें कम दूरी की मिसाइलों में तैनात किया जा सकता है.