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कीव: रूस द्वारा यूक्रेन (Russia- Ukraine Crisis) के दो क्षेत्रों को अलग देश के तौर पर मान्यता देने के बाद सारे समीकरण उलट गए हैं. इसे युद्ध (War) टालने की कोशिशों के लिए भी झटका माना जा रहा है. इस बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस मुद्दे पर आपात बैठक की. सोमवार रात हुई इस बैठक में रूस के कदम और उसके संभावित परिणामों पर चर्चा की गई. साथ ही यूक्रेन की चिंताओं पर भी बातचीत हुई.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के यूक्रेनी क्षेत्रों को अलग देश की मान्यता देने के ऐलान के बाद यूक्रेन, अमेरिका और छह अन्य देशों ने UNSC से बैठक का अनुरोध किया था. जिसके बाद एक आपात बैठक बुलाई गई. अब इस मुद्दे पर एक Open Meeting आयोजित की जाएगी, जिसमें भारत भी बयान देगा. UNSC की बैठक से पहले ही माना जा रहा था कि संयुक्त राष्ट्र कोई कार्रवाई या कड़ा बयान नहीं देगा, क्योंकि रूस के पास वीटो पावर है.
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पश्चिमी देश पिछले कुछ समय से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के खतरे को टालने की कोशिश में लगे हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति भी इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं. उनके प्रयासों के चलते ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने रूसी समक्ष पुतिन से मुलाकात पर सहमति जताई थी, लेकिन अब सारे समीकरण उलट गए हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि युद्ध अब लगभग तय है.
युद्ध रोकने के लिए अमेरिका आदि पश्चिमी देश रूस को प्रतिबंधों की धमकी दे रहे हैं. हालांकि, रूस ने स्पष्ट कर दिया है, उसे कोई डर नहीं. पूर्वी यूक्रेन से अलग हुए दो प्रांत डोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क (Luhansk) को अलग देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा के वक्त पुतिन ने प्रतिबंधों की धमकियों का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश हमें प्रतिबंधों की धमकी देकर ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं. इनका केवल एक ही लक्ष्य है- रूस के विकास को रोकना और वे ऐसा करेंगे. हम अपनी संप्रभुता, राष्ट्रीय हितों और हमारे मूल्यों से कभी समझौता नहीं करेंगे.