Russia Torchure: रूसी सेना के कब्जे वाले मारियुपोल शहर में तीन महीनों तक बंधक रहीं एक वॉलिंटियर डॉक्टर ने अमेरिका के कुछ डॉक्टरों के सामने भयावहता की ऐसी कहानी सुनाई है जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी. आइए जानते हैं रूसी कैसे करते थे टॉर्चर
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Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन में जैसे-जैसे रूसी सेना शहरों से कब्जे छोड़कर भाग रही है, वैसे-वैसे यहां से एक से एक भयावह तस्वीर सामने आ रही है. गुरुवार रात यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इजिअम में 400 लोगों के सामूहिक कब्र मिलने की बात तो बताई ही, वहीं अब मारियुपोल से भी आमानवीय तस्वीर सामने आई है. रूसी सेना के कब्जे वाले इस शहर तीन महीनों तक बंधक रही एक वॉलिंटियर डॉक्टर ने भयावहता की ऐसी कहानी सुनाई है जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी. आइए जानते हैं क्या कहा इस महिला डॉक्टर ने.
इलाज के अभाव में 7 साल के बच्चे ने गोदी में तोड़ा था दम
वॉलिंटियर महिला डॉक्टर युलिया पेइव्स्का ने अमेरिकी सांसदों को गुरुवार को बंदियों की पीड़ा बताते हुए कहा कि, रूस सैनिक यूक्रेनी कैदियों को कपड़े उतारने के लिए विवश करते थे. इसके बाद लहूलुहान होने तक उन्हें प्रताड़ित किया जाता था. सात साल के बच्चे ने उनकी गोद में दम तोड़ दिया था क्योंकि उनके पास उसके इलाज के लिए आवश्यक उपकरण नहीं थे. सांसदों के समक्ष उस खौफनाक मंजर को याद कर बृहस्पतिवार को कई बार उनका गला भर आया.
मार्च में मारियुपोल में बनाया गया था बंधक
पेइव्स्का को मार्च में मारियुपोल में रूस समर्थित सेना ने बंधक बनाया था और उन्हें यूक्रेन के दोनेत्स्क क्षेत्र में रूस समर्थित क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर रखा गया था. उन्होंने यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग आयोग के समक्ष अपना दर्द बयां किया. इस आयोग को ‘हेलसिंकी आयोग’ के नाम से जाना जाता है, जिसे मानवाधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय अनुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया है.
कई यूक्रेनी घायलों का इलाज किया
उन्होंने रूस के कब्जे में रहते हुए दर्द से कराह रहे कई यूक्रेनी नागरिकों का इलाज किया. घायलों की उनकी देखभाल पर दुनिया का ध्यान तब गया जब उनके बॉडी कैमरा की एक फुटेज उपलब्ध हुई. पेइव्स्का ने आयोग को बताया कि एक रूसी ने उन पर जुल्म ढाते हुए पूछा, ‘तुम जानती हो कि हम तुम्हारे साथ यह क्यों करते हैं?’ इस पर उन्होंने जवाब दिया था, ‘क्योंकि तुम कर सकते हो.’
इलाज न मिलने से कई की हुई मौत
उन्होंने बताया कि रूसी सैनिक यूक्रेनी कैदियों को कपड़े उतारने के लिए विवश करते थे और उसके बाद उन्हें प्रताड़ित करते थे. इसके कारण कुछ कैदियों की चीखें हफ्तों तक सुनाई पड़ीं और कोई इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई. उन्होंने रूस की कैद में मारे गए यूक्रेनियों की संख्या बताते हुए कहा, ‘मेरे मित्र का शरीर ठंडा पड़ने के बाद मैंने उसकी आंखें बंद की थीं. एक-एक कर मेरे कई दोस्तों को रूस की सेना ने मार दिया.
खुद को गोली मारने के लिए कहते थे
उन्होंने बताया कि उन्हें दस्तावेजों की जांच के लिए रोके जाने के बाद बंदी बना लिया गया था. ऐसा माना जा रहा है कि रूसी सैनिकों ने हजारों यूक्रेनियों को बंधक बना रखा है. उन्होंने बताया कि रूसी कई बार उनसे खुद को मारने के लिए कहते थे लेकिन वह कहती, ‘नहीं, मैं देखूंगी कि कल क्या होता है.’ यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन ने कहा कि उसने रूसी कब्जे में युद्ध बंदियों के बयान रिकॉर्ड किए हैं, जिन्हें काफी उत्पीड़न झेलना पड़ा. रूस ने अभी इन आरोपों का जवाब नहीं दिया है.
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