Britain Protest in Hindi: कहते हैं कि जब तक अपनी एड़ियों में बिवाई नहीं फटती, तब तक इसके दर्द का अहसास नहीं हो सकता. अब जब ब्रिटेन दंगे की आग में जल रहा है तो उसे अभिव्यक्ति और दंगे के बीच का अंतर भी साफ समझ आ रहा है.
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UK Riot News in Hindi: ब्रिटेन में मुसलमानों और प्रवासियों के खिलाफ भड़की हिंसा अब भी जारी है. पुलिस इस हिंसा को काबू करने के लिए अब तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है लेकिन अभी तक यह शांत नहीं हो पाई है. इसी बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने चरमपंथी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने हिंसा रोकने की इस कार्रवाई को सरकार का पूरा समर्थन मिलेगा.
सड़क पर पथराव, फेंके जलते हुए पटाखे
उपद्रवियों ने शनिवार को लिवरपूल, हल, ब्रिस्टल, लीड्स, ब्लैकपूल, स्टोक-ऑन-ट्रेंट, बेलफास्ट, नॉटिंघम और मैनचेस्टर में पथराव किया और जलते हुए पटाखे फेंके. उस होटल की खिड़कियां तोड़ दी गईं जहां देश में शरण चाहने वाले ठहरे हुए थे. साथ ही दुकानों पर हमला किया गया और आग लगा दी गई. भीड़ और पुलिस के बीच कई झड़पें हुईं. ब्रिटेन की गृह मंत्री यवेट कूपर ने भीड़ को चेतावनी दी कि वे इस तरह के आपराधिक अव्यवस्था और हिंसा की "कीमत चुकाएंगे.
'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अव्यवस्था अलग चीजें'
हालात काबू में न आते देख पीएम केअर स्टॉर्मर ने मंत्रियों की हाई प्रोफाइल बैठक बुलाई. बैठक के बाद पीएमओ की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि ये चरमपंथी पुलिस अधिकारियों पर हमले कर रहे हैं, स्थानीय व्यवसायों को बाधित कर रहे हैं और समुदायों को डराकर नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बहाना करके हिंसक अव्यवस्था फैलाई जा रही है. ये दो बहुत अलग चीजें हैं, जिन्हें एक साथ मिक्स नहीं किया जा सकता. पीएम स्टॉर्मर ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा के लिए कोई बहाना नहीं हो सकता. उन्होंने दोहराया कि सरकार सड़कों को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस का पूरा समर्थन करती है.
'मस्जिद में जाने से डर रहे लोग'
वहीं ब्रिटेन में मुस्लिम विरोधी घटनाओं पर नजर रखने वाले समूहों ने दावा किया कि मुसलमानों द्वारा अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करने की खबरों में वृद्धि हुई है और कई लोग स्थानीय मस्जिदों में जाने से भी डर रहे हैं. ब्रिटेन की पुलिस मंत्री डायना जॉनसन ने कहा कि लोग खास तौर पर अपनी त्वचा के रंग की वजह से डरे हुए हैं और यह सही नहीं हो सकता है. यह ऐसी चीज है, जिससे निपटने के लिए यह सरकार हर संभव कदम उठाएगी.
बताया जा रहा है कि ब्रिटेन के न्याय मंत्रालय के अधिकारी न्यायपालिका के साथ-साथ पुलिस प्रमुखों और क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के साथ इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि मजिस्ट्रेट अदालतों को अधिक समय तक खुला रखा जाए, ताकि दंगा-संबंधी अपराधों के लिए हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या में अपेक्षित वृद्धि के मामले में तेजी से कार्यवाही की जा सके.
(एजेंसी भाषा)