Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में फिर सियासी ड्रामा, राष्ट्रपति चुनाव से 1 दिन पहले इस बड़े दावेदार ने वापस लिया नाम
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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में फिर सियासी ड्रामा, राष्ट्रपति चुनाव से 1 दिन पहले इस बड़े दावेदार ने वापस लिया नाम

Sri Lanka: श्रीलंका में 20 जुलाई यानी कल को नए राष्ट्रपति का चुनाव होना है. चुनाव से एक दिन पहले इस पद के बड़े दावेदार और विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने अपना नाम वापस ले लिया. बता दें कि बुधवार को श्रीलंका संसद के 225 सांसद नए राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे.

साजिथ प्रेमदासा

Sri Lanka Politcal Crisis: आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका में राजनीतिक संकट भी गहराता जा रहा है. रोज यहां राजनीतिक सरगर्मी तेज होती दिख रही है. यहां 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव होना है. इस रेस में मौजूदा कार्यवाहक राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) और विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा (Sajith Premadasa) समेत कुल चार नेताओं ने दावा ठोका, लेकिन चुनाव से एक दिन पहले साजिथ प्रेमदासा ने अपना नामांकन वापस लेते हुए सभी को हैरान कर दिया. अब राष्ट्रपति की रेस के लिए 3 नाम बचे हैं.

क्या कहा साजिथ प्रेमदासा ने

साजिथ प्रेमदासा को बड़ा दावेदार माना जा रहा था, लेकिन अचानक उनके पीछे हटने से कई लोग हैरान हैं. प्रेमदासा ने इस संबंध में एक ट्वीट कर बताया कि, “अपने देश और उन लोगों की भलाई के लिए, जिन्हें मैं प्यार करता हूं, मैं राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस लेता हूं. हमारी पार्टी, हमारे गठबंधन के सहयोगी और विपक्षी सहयोगी दुलस अल्हाप्परुमा को विजयी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे.”

एक दिन पहले किया था ये दावा

बता दें कि एक दिन पहले साजिथ प्रेमदासा ने ऱाष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी करते हुए कहा था कि, ‘हमारे पास आर्थिक संकट से उबरने का पूरा प्लान है. हम तीन साल से देश की गोटाबाया सरकार से कह रहे हैं कि गलत सलाह वाले आर्थिक कदम न उठाएं. उन्होंने हमारी बात कभी नहीं सुनी और हम अभी तबाही की स्थिति में पहुंच गए हैं.’ उन्होंने इस संकट में भारत सरकार की मदद की भी सराहना की थी.

इस तरह होगा नए राष्ट्रपति का चुनाव

बता दें कि पिछले हफ्ते लोगों ने भारी विरोध करते हुए राष्ट्रपति भवन पर डेरा जमा दिया था. इसके बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश से भाग गए और शुक्रवार को उन्होंने इस पद से मेल के जरिये इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के बाद रानिल विक्रमसिंघे को कार्यकारी राष्ट्रपति बनाया गया था, लेकिन नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई थी. संसद का विशेष सत्र बुलाकर यह तय किया गया था कि सांसद वोटिंग के जरिये नए राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे. श्रीलंका की संसद में 225 सांसद हैं और यही वोट करेंगे.

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