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Algae Super Food: जलवायु परिवर्तन और तेज गति से बढ़ते प्रदूषण से खाद्य संकट पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है. जलवायु परिवर्तन का असर खेती-किसानी पर भी देखने को मिल रहा है. ऐसे में खाद्यसुरक्षा से जुड़ी एक स्टडी ने अपनी तरफ सभी का ध्यान आकर्षित किया है. इसमें वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि शैवाल, जिसे आमतौर पर काई के नाम से जाना जाता है.. यह भविष्य का सुपरफूड बन सकता है. आइये आपको बताते हैं इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने क्या चौंकाने वाला दावा किया है.
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मौजूदा स्थितियों को देखते हुए आने वाला वक्त मुश्किलों भरा हो सकता है. ऐसे में शैवाल, वो भी सूक्ष्मशैवाल (Microalgae) के अलग-अलग किस्म सुपरफूड (Superfood) के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं. वैज्ञानिकों ने शैवाल को प्रोटीन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है और इसके लिए व्यवसायिक स्तर पर प्रोडक्शन के प्रयास भी किए जा रहे हैं.
जैसा कि सब जानते हैं कि दुनिया में खाद्य सुरक्षा (Food Security) की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. क्लाइमेट चेंज, वनों का कटान, तेजी से बढ़ रही जनसंख्या खेती-किसानी को लेकर एक बड़ा संकट पैदा कर रही है. इसे देखते हुए वैज्ञानिक सालों से समुद्री काई को सुपरफूड बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं.
हाल ही में आई रिसर्च स्टडी में दावा किया गया है कि आने वाले समय में सूक्ष्मशैवाल उच्च प्रोटीन और पोषण तत्वों को पूरा करने के लिए सुपरफूड (Superfood of Future) की तरह काम कर सकता है. सैन डियागो की कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इस रिसर्च में लगे हुए हैं. रिसर्च में हजारों शैवाल की प्रजातियों और जलीय वातावरण के अन्य साइनोबैक्टीरिया (सूक्ष्म शैवाल-Microalgae) पर तेजी सा काम चल रहा है.
फ्रंटियर्स इन न्यूट्रीशन में प्रकाशित इस रिसर्च में कहा गया है कि शैवाल (Algae) या काई में विटामिन, खनिज और अन्य स्थूल पोषक तत्वों के मिलने का खुलासा किया गया है. इसे इंसानी सेहत के लिए फायदेमंद भी बताया गया है. इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड और अमीनो एसिड भी शामिल हैं.
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