S Jaishankar at Quad Meeting in US: विश्व के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो शीर्ष राजनयिकों के बीच यह बैठक विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में हुई, जो उसी भवन में पहली क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक के तुरंत बाद हुई. ट्रंप के शपथ लेते ही विदेश मंत्री की पहली मीटिंग भारत के विदेश मंत्री से होना इसके कई मायने हैं.
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Marco Rubio Meets S Jaishankar: अमेरिका के विदेश मंत्री ने ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद सबसे पहले भारत के विदेश मंत्री से मुलाकात की है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक की. ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में नए विदेश मंत्री बने मार्को रुबियो की एस जयशंकर की पहली मुलाकात भारत के नजरिए से बहुत बड़ा कदम है. जयशंकर अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए गए हुए हैं.
Attended a productive Quad Foreign Ministers’ Meeting today in Washington DC. Thank @secrubio for hosting us and FMs @SenatorWong & Takeshi Iwaya for their participation.
Significant that the Quad FMM took place within hours of the inauguration of the Trump Administration. This… pic.twitter.com/uGa4rjg1Bw
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 21, 2025
ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद क्वाड देशों की मुलाकात
ट्रंप के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया और अपने समकक्षों के साथ एक स्वतंत्र और समृद्ध इंडो-पैसिफिक सुनिश्चित करने के "विभिन्न आयामों" पर चर्चा की. जयशंकर ने कहा कि यह बैठक "महत्वपूर्ण" थी क्योंकि यह डोनाल्ड ट्रंप के 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद हुई थी.
Delighted to meet @secrubio for his first bilateral meeting after assumption of office as Secretary of State.
Reviewed our extensive bilateral partnership, of which @secrubio has been a strong advocate.
Also exchanged views on a wide range of regional and global issues.
Look… pic.twitter.com/NVpBUEAyHK
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 21, 2025
क्वाड देशों की मीटिंग के बाद एस जयशंकर से अमेरिकी विदेश मंत्री ने मुलाकात की. जिसको लेकर एस जयशंकर ने अपने एक्स पर लिखा ' विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद नए विदेश मंत्री बने मार्को रुबियो से उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक में मिलकर प्रसन्नता हुई. हमारी व्यापक द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की, जिसके नए विदेश मंत्री बने मार्को रुबियो प्रबल समर्थक रहे हैं. साथ ही, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर विचारों का आदान-प्रदान किया. हमारे रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने की आशा है.
अमेरिका ने इस मुलाकात पर क्या कहा?
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने वाशिंगटन डीसी में भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर से मुलाकात की और अमेरिका-भारत साझेदारी को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की. विदेश मंत्री रुबियो और विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी को मजबूत करने के लिए साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की. उन्होंने क्षेत्रीय मुद्दों और अमेरिका-भारत संबंधों को और गहरा करने के अवसरों सहित कई विषयों पर चर्चा की. विदेश मंत्री रुबियो ने आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने और अनियमित प्रवास से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए भारत के साथ काम करने की ट्रम्प प्रशासन की इच्छा पर भी जोर दिया. यह बैठक पदभार संभालने के बाद से विदेश मंत्री रुबियो की पहली द्विपक्षीय मुलाकात थी. दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, रक्षा, ऊर्जा और एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की उन्नति जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया.
मीटिंग के बहुत मायने
विश्व के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो शीर्ष राजनयिकों के बीच यह बैठक विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में हुई, जो उसी भवन में पहली क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक के तुरंत बाद हुई थी.
क्वाड क्या है, भारत का इसमें भी दबदबा
क्वाड ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का एक अनौपचारिक समूह है. यह (क्वाड) पहले कार्यकाल में ट्रंप प्रशासन की पहल थी. बाइडन प्रशासन ने इसे नेतृत्व स्तर तक बढ़ा दिया. रूबियो का क्वाड मंत्रिस्तरीय - पहली बहुपक्षीय बैठक के रूप में - और भारत के साथ पहली द्विपक्षीय बैठक करने का निर्णय इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि नए प्रशासन का पहला विदेशी संपर्क पारंपरिक रूप से अपने दो पड़ोसियों कनाडा और मेक्सिको या अपने नाटो सहयोगियों के साथ रहा है.