Russia Urkaine Crisis: इन्हीं तोपखाने की मदद से वर्ष 1943 में रूस ने हिटलर की सेना को ढेर कर दिया था. इसी सफलता पर सोवियत संघ के पूर्व तानाशाह जोसेफ स्टालिन ने इस तोपखाने को 'युद्ध का देवता' करार दिया था. अतीत की सफलता को देखते हुए ही पुतिन ने यूक्रेन से युद्ध में भी इन्हें उतारा, लेकिन इस बार सिर्फ हार ही मिली है.
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Russia Ukraine Conflict: रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला किया था. युद्ध का आगाज करते वक्त उसने दावा किया था कि वह एक हफ्ते के अंदर यूक्रेन को जीत लेगा, लेकिन अब इस युद्ध को लगभग 9 महीने पूरे हो चुके हैं. इसके बाद भी रूस यूक्रेन को हरा नहीं पाया है. इस युद्ध में रूस को उम्मीद से कई गुना अधिक नुकसान पहुंचा है. उसके 50 हजार से ज्यादा सैनिक हताहत हुए हैं. पर इसमें सबसे बड़ी असफलता रूस के टैंक और तोपों का फेल होना है. इन 9 महीनों में रूस के सैकड़ों तोप और टैंक बर्बाद हो चुके हैं. तोपों, रॉकेट और मिसाइलों से मिलकर बने रूस के इस तोपखाना को 'युद्ध का देवता' कहा जाता था. पर मॉडर्न पश्चिमी हथियारों से यूक्रेन की सेना ने रूसी युद्ध के देवता को बेदम कर दिया है. इस असफलता ने भारत की भी टेंशन बढ़ा दी है. आइए जानते हैं आखिर रूस के फेल होने से भारत क्यों परेशान है.
अमेरिकी हथियार के आगे रूसी तोप फेल
बता दें कि इन्हीं तोपखाने की मदद से वर्ष 1943 में रूस ने हिटलर की सेना को ढेर कर दिया था. इसी सफलता पर सोवियत संघ के पूर्व तानाशाह जोसेफ स्टालिन ने इस तोपखाने को 'युद्ध का देवता' करार दिया था. अतीत की सफलता को देखते हुए ही पुतिन ने यूक्रेन से युद्ध में भी तोपखाना रेजिमेंट को उतार दिया, लेकिन इस बार उसे सिर्फ हार ही मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक युद्ध शुरू होने के बाद रूस ने यूक्रेन पर तोपों, रॉकेट और मिसाइलों की मदद से कई हमले किए. अनुमान के मुताबिक रूस ने युद्ध के पहले 10 दिन में ही 1100 मिसाइल दागे, जबकि इस महीने वह हर दिन युद्ध में तोपों से 20 हजार गोले बरसा रहा है. दूसरी ओर यूक्रेन जवाबी कार्रवाई में 4-7 हजार गोले रोज छोड़ रहा है. इस दौरान रूस अब भी यूक्रेन को मात नहीं दे पाया है जबकि उससे कम हमले करके भी यूक्रेन ने रूस को काफी नुकसान पहुंचा दिया है. यूक्रेन ये करिश्मा अमेरिका से मिले हिमार्स रॉकेट सिस्टम के जरिये कर रहा है.
इसलिए बढ़ गई है भारत की चिंता
रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास मौजूदा समय में रूस से खरीदे कई हथियार हैं. इनमें तोप और रॉकेट भी शामिल है. ऐसे में रूस की असफलता ने भारत के सामने भी इन हथियारों की सार्थकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. भारत पिछले कई वर्षों से अपने तोपखाने को आधुनिक बनाने में लगा हुआ है. फिलहाल भारत अभी आर्टिलरी की कमी से जूझ रहा है. भारत के पास फिलहाल आधुनिक तोपों की कमी है. जबकि उसके सामने चीन जैसे शक्तिशाली देश की चुनौती है. पाकिस्तान भी भारत के लिए बड़ा खतरा है.
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