Russia's Wanted List: मॉ़स्को ने स्टोनियाई प्रधानमंत्री काजा कैलास के साथ ही अन्य देशों के नेताओं को भी 'वॉन्टेड लिस्ट' में शामिल किया है.
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Russia News: रूस ने सोवियत काल के स्मारकों को नष्ट करने में कथित तौर पर शामिल होने के लिए मंगलवार (13 फरवरी) को एस्टोनियाई प्रधानमंत्री काजा कैलास, लिथुआनिया के संस्कृति मंत्री और बाल्टिक देशों के अन्य अधिकारियों को अपनी 'वॉन्टेड' लिस्ट में जगह दी है.
'सिर्फ शुरुआत है'
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि एस्टोनियाई पीएम 'ऐतिहासिक स्मृति के अपमान' के लिए वॉन्टेड हैं. जिन स्मारकों को लेकर यह पूरा मुद्दा खड़ा हुआ है उनमें से कुछ लाल सेना की स्मृति में बनाए गए हैं और ये एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया में लंबे समय से विवादास्पद रहे हैं. इन स्मारकों को सोवियत काल के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है.
लगभग दो साल पहले यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद, तीन बाल्टिक देशों एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया ने अपने अधिकांश सोवियत-युग के स्मारकों को ध्वस्त कर दिया है.
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने सरकार के हालिया कदम को 'केवल शुरुआत' कहा. उन्होंने कहा कि 'नाजीवाद और फासीवाद से दुनिया के मुक्तिदाताओं की स्मृति के खिलाफ अपराध करने वाले पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए."
क्रेमलिन ने कहा है कि रूसी पुलिस द्वारा 'वॉन्टेड' लिस्ट में रखे गए लोगों ने 'ऐतिहासिक स्मृति' और रूस के खिलाफ शत्रुतापूर्ण कार्रवाई की थी.
रूसी मीडिया के अनुसार, एस्टोनियाई पीएम के अलावा, एस्टोनिया के राज्य सचिव तैमर पीटरकोप और पोलैंड के इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल रिमेंबरेंस के प्रमुख करोल नवारोकी को भी 'वॉन्टेड' सूची में जोड़ा गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी आंतरिक मंत्रालय के डाटाबेस का हवाला देते हुए कहा गया है कि लिस्ट में पिछली लातवियाई संसद के 100 में से 60 सदस्यों का नाम है हैं, जिनमें पूर्व आंतरिक मंत्री मारिजा गोलुबेवा भी शामिल हैं. पिछली संसद का कार्यकाल नवंबर 2022 में समाप्त हो गया था.
‘आजादी का गला घोंटने की कोशिश’
इस बीच, लिस्ट में शामिल लिथुआनियाई संस्कृति मंत्री साइमनस कैरीज़ ने रूस पर तथ्यों को विकृत करने का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना की है. उन्होंने कहा, 'रूसी शासन वही कर रहा है जो वह हमेशा से करता आया है: वह आजादी का गला घोंटने की कोशिश कर रहा है... और अपना खुद का संस्करण बनाना जारी रख रहा है जो तथ्यों या तर्क के विपरीत है.'
रूसी आक्रमण के बाद से तीनों देशों और रूस के बीच संबंध काफी खराब हो गए हैं. तीनों बाल्टिक राष्ट्र यूरोपीय संघ और नाटो के सदस्य हैं जिन्होंने युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन के लिए अपना कट्टर समर्थन दिखाया है.
नष्ट किए गए सोवियत काल के स्मारकों में द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए सोवियत सैनिकों की स्मृति में बने स्मारक भी शामिल थे. 1940 में बाल्टिक राज्यों पर सोवियत संघ ने कब्ज़ा कर लिया, फिर 1991 में इसके पतन तक सोवियत कम्युनिस्ट गुट के हिस्से के रूप में रूसी शासन में लौटने से पहले नाजी जर्मनी ने कब्जा कर लिया.
क्या गिरफ्तार होंगी कैलास
'वॉन्टेड' सूची के अलावा, रूसी जांच समिति के प्रमुख, अलेक्जेंडर बैस्ट्रीकिन ने मामले की आपराधिक जांच का आदेश दिया है। हालांकि, रूसी आंतरिक मंत्रालय डेटाबेस ने यह साफ नहीं किया कि आपराधिक संहिता के किस अनुच्छेद के तहत वांछितों पर मुकदमा चलाया गया है.