Qatar–Israel Relations: कतर के हमास और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई पश्चिमी राज्यों के साथ घनिष्ठ संबंध रहे हैं. कतर ने 7 अक्टूबर को किडनैप कर गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई में अहम भूमिका निभाई.
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Qatar Hamas Relations: 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद से, कतर गाजा को करोड़ों डॉलर की मदद भेजने के लिए इजरायली अधिकारियों, अमेरिकी राजनेताओं और मीडिया आउटलेट्स की आलोचना का शिकार हुआ है. हालांकि यह सब इजरायल के आशीर्वाद से ही संभव हो पाया है. बता दें गाजा पर हमास का कंट्रोल है.
प्रमुख इजरायली हस्तियों की इंटरव्यू सीरीज में सामने आया कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी सरकार के भीतर से जाहिर की गई चिंताओं के बावजूद, हमास को नकदी प्रवाह जारी रखा. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली खोजी पत्रकारिता संगठन शोमरिम के सहयोग से ये इंटरव्यू लिए गए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक कतर के विदेश मामलों के राज्य मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलअजीज अल-खुलैफी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार एन्क्लेव का समर्थन करने के लिए गाजा को भुगतान करना जारी रखेगी, जैसा कि वह वर्षों से कर रही है.
अल-खुलैफ़ी ने कहा, 'हम अपना जनादेश नहीं बदलने जा रहे हैं. हमारा जनादेश फिलिस्तीन के हमारे भाइयों और बहनों के लिए हमारी निरंतर सहायता और समर्थन है. हम इसे व्यवस्थित रूप से करना जारी रखेंगे जैसा हमने पहले किया था.'
इजरायली सूत्रों ने जवाब दिया कि क्रमिक सरकारों ने मानवीय कारणों से गाजा में पैसों के ट्रांसफर की सुविधा प्रदान की थी.
कतर ने पैसा देना कब शुरू किया?
2018 में, कतर ने गाजा पट्टी को मासिक भुगतान करना शुरू किया. लगभग 15 मिलियन डॉलर कैश गाजा में सूटकेस से भेजे गए. इजरायल के साथ महीनों की बातचीत के बाद कतर ने इजरायली क्षेत्र से होते हुए इन पैसों को डिलीवर किया.
भुगतान तब शुरू हुआ जब फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए), इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी सरकार ने 2017 में गाजा में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने का फैसला किया. बता दें पीएम हमास की प्रतिद्वंद्वी है.
पीए ने उस समय कतरी फंडिंग का विरोध किया था, लेकिन हमास का कहना था कि ये फंडिंग सार्वजनिक वेतन के भुगतान के साथ-साथ मेडकिल कामों के लिए है.
नेतन्याहू के प्रधानमंत्री के रूप में पिछले कार्यकाल में इजरायल ने अगस्त 2018 में एक सुरक्षा कैबिनेट बैठक में इस सौदे को मंजूरी दी. हालांकि तब भी, इस डील और हमास के प्रति बहुत नरम होने के लिए नेतन्याहू की उनके गठबंधन सहयोगियों द्वारा आलोचना की गई थी.
इज़राइल ने भुगतान को समर्थन क्यों दिया?
इजरायली और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया का कहना है कि कतर के माध्यम से गाजा तक सहायता पहुंचाने की अनुमति जारी रखने के पीछे नेतन्याहू को यह उम्मीद थी कि इससे हमास पीए का प्रभावी जवाब बन सकता है और फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना में बाधा आ सकती है. पीए अधिकारियों ने कहा कि उस समय कैश ट्रांसफर को फिलिस्तीनी गुटों के बीच विभाजन को बढ़ावा दिया.
इजरायली रक्षा मंत्रालय के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी मेजर जनरल अमोस गिलाद ने बताया कि इस प्लान को प्रधानमंत्री का समर्थन प्राप्त था, लेकिन इजरायली खुफिया एजेंसियों का नहीं. उन्होंने कहा, 'कुछ धारणा यह भी थी कि इससे फिलिस्तीनी संप्रभुता कमजोर होगी.' उन्होंने आगे कहा, एक भ्रम यह भी था कि 'अगर आप उन्हें (हमास को) पैसे खिलाएंगे, तो वे वश में हो जाएंगे.'
इजरायल के पूर्व प्रधान मंत्री, नफ्ताली बेनेट ने रविवार को बताया कि जब वह शिक्षा मंत्री थे, तब उन्होंने नेतन्याहू सरकार को इस डील को लेकर अपनी चिंताओं के बारे में अवगत कराया था और 2021 में प्रधानमंत्री बनने पर सूटकेस कैश ट्रांसफर को बंद कर दिया. उन्होंने कहा, 'मैंने नकदी सूटकेस बंद कर दिए क्योंकि मेरा मानना है कि यह एक भयानक गलती थी. हालांकि न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, नकद भुगतान बंद हो गया, लेकिन बेनेट के नेतृत्व में गाजा को पैसों का ट्रांसफर जारी रहा.
क्या नेतन्याहू को विरोध का सामना करना पड़ा है?
इस कदम के कारण नेतन्याहू की आलोचना बढ़ गईं. फंडिंग डील की वजह से आज कई इजरायली 7 अक्टूबर के हमास आतंकवादी हमले के लिए व्यक्तिगत रूप से नेतन्याहू को दोषी मानते हैं. कई लोगों का मानना है कि भुगतान की अनुमति देने से हमास मजबूत हो गया और अंततः, क्रूर हमलों को बदतर बना दिया.
क़तर को किस प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा है?
कतर के हमास और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई पश्चिमी राज्यों के साथ गहरे रिश्ते रहे हैं. ईरान समर्थित ग्रप को दोहा में एक राजनीतिक दफ्तर स्थापित करने की अनुमति देने के लिए इसकी कड़ी आलोचना भी हुई है. यह दफ्तर 2012 से संचालित है.
कतर इजरायल के लिए भी उपयोगी साबित हुआ है. कतर ने 7 अक्टूबर को किडनैप कर गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई में अग्रणी भूमिका निभाई.
हालांकि कतर इजरायल में लोगों के निशाने पर भी रहा है. कुछ इज़रायली अधिकारियों ने हमले के लिए जिम्मेदार लोगों में कतर की ओर इशारा करते हुए कहा है कि वह हमास का समर्थन कर रहा है.
वहीं कतर ने इजरायली अधिकारियों द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया और चेतावनी दी है कि 'ये उत्तेजक बयान' मध्यस्थता के प्रयासों को कमजोर कर सकते हैं और यहां तक कि 'जीवन को भी खतरे में डाल सकते हैं.'
इजरायली रक्षा मंत्रालय के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी मेजर जनरल अमोस गिलाद,ने कतर पर आरोप लगाया, कि खाड़ी राज्य ने 'हमास को प्रति वर्ष 1 बिलियन शेकेल ($ 30 मिलियन प्रति माह) दिया ... और हमास ने इसका उपयोग गाजा पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए किया है. उनके (हमास) के लिए, यह एक राहत की तरह था . यह ऑक्सीजन की तरह था.'
कतर ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि पैसा हमास के लिए था. कतर ने कहा कि पैसा घिरे हुए क्षेत्र में श्रमिकों के वेतन का भुगतान करने के लिए सहायता है.
(Photo courtesy: @netanyahu)