Qatar Dahra Global Case: कतर ने भारत के आठों पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा पर रोक लगी दी है. लेकिन यह फैसला अचानक नहीं आया बल्कि इसके पीछे बड़ी बैकचैनल पॉलिसी मानी जा रही है.
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Dahra Global Case in Qatar Latest Updates: कतर की अपीलीय कोर्ट ने दाहरा ग्लोबल केस में भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा पर रोक लगा दी है. इससे भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. गुरुवार को कतर की अपीलीय कोर्ट में सुनवाई के बाद यह फैसला बाहर आया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने सतर्क प्रतिक्रिया देते हुए फैसले का स्वागत किया है. साथ ही मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए फैसले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
यूं ही डाउन नहीं हुए सुर
जियो- पॉलिटिकल एक्सपर्टों के मुताबिक अपने कट्टरपन के लिए चर्चित कतर (Qatar) के सुर यूं ही डाउन नहीं हुए. इसके लिए कई महीनों से बैक चैनल डिप्लोमेसी काम कर रही थी. जिस दिन 8 पूर्व नौसैनिकों को जासूसी केस में मौत की सजा की खबर सामने आई थी, उसी दिन से भारत सरकार सक्रिय हो गई थी. सरकार की ओर से सबसे पहले पीड़ित परिवार वालों से बात करके उन्हें उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया. साथ ही बिना शोर-शराबा किए कतर सरकार को इस मामले में इंगेज किया गया.
कतर को समझाई गई केस की संजीदगी
कतर में मौजूद भारतीय दूतावास और फिर विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर के जरिए कतर (Qatar) को इस मामले में जल्दबाजी न करने के बारे में समझाया गया. कतर सरकार को न केवल दोनों देशों के मजबूत संबंधों की अहमियत बताई गई बल्कि उन्हें इस फैसले के अमल पर भारत के साथ उसके संबंध हमेशा के लिए बिगड़ जाने के खतरों से भी वाकिफ करवाया गया. धैर्य और समझबूझ के साथ अंजाम दी जा रही भारत की यह डिप्लोमेसी धीरे-धीरे अपना काम कर गई.
पीएम मोदी ने चला मास्टर स्ट्रोक
इस डिप्लोमेसी में मास्टर स्ट्रोक तब लगा, जब संयुक्त अरब अमीरात में इस महीने के शुरू में आयोजित हुए जलवायु सम्मेलन COP-28 में पीएम मोदी ने कतर के अमीर (प्रशासक) से मिलने का फैसला किया. यह एक सोची समझी मुलाकात थी, जिसका पीएम मोदी ने बखूबी इस्तेमाल किया. 1 दिसंबर को हुई मुलाकात में उन्होंने कतरी (Qatar) अमीर से दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने और विवाद वाले मुद्दों पर समझबूझ के साथ आगे बढ़ने पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कतर की जेल में बंद 8 पूर्व नौसैनिकों को फांसी की सजा मिलने पर भारत की चिंता से भी अवगत कराया.
On the sidelines of the #COP28 Summit in Dubai yesterday, had the opportunity to meet HH Sheikh @TamimBinHamad, the Amir of Qatar. We had a good conversation on the potential of bilateral partnership and the well-being of the Indian community in Qatar. pic.twitter.com/66a2Zxb6gP
— Narendra Modi (@narendramodi) December 2, 2023
कतर को समझा दी भारत की मांग
उन्होंने इशारों-इशारों पर कतर को स्पष्ट कर दिया कि इस फैसले पर भारतीय जनता में क्या प्रतिक्रिया है और भारत इस संबंध में उससे क्या चाहता है. सरकार के सर्वोच्च स्तर की ओर से उठाया गया भारत का यह सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक था, जो एकदम सटीक लगा. भारत ने इसे फैसले के अमल पर होने वाले बड़े खतरों के बारे में कतर को बेहद संजीदगी के समझा दिया था, जिससे कतर सरकार को भी मामले की गंभीरता समझ आई. इसका नतीजा गुरुवार को कतर की अपीलीय कोर्ट के फैसले में भी दिखाई दिया और उसने मौत की सजा के फैसले पर रोक लगा दी.
"We have noted the verdict today of the Court of Appeal of Qatar in the Dahra Global case, in which the sentences have been reduced...The detailed judgement is awaited....Our Ambassador to Qatar and other officials were present in the Court of Appeal today, along with the family… pic.twitter.com/ysjVhbisaK
— ANI (@ANI) December 28, 2023
अगले कुछ महीने चुनौती भरे
माना जा रहा है कि अगले कुछ महीने भारतीय कूटनीतिक एक्सपर्टों के लिए चुनौती भरे रहेंगे. उन्हें कतर (Qatar) की सरकार के साथ लगातार इंगेजमेंट बनाए रखने के साथ ही वहां की कोर्ट में अपनी लीगल टीम को मजबूत करना होगा. हालांकि कतर के मौजूदा रुख को देखकर माना जा रहा है कि वह भी इस विवाद को आगे नहीं बढ़ाना चाहेगी और इस मसले का कोई सम्मानजनक समाधान ढूंढेगी. जिससे बिना स्वाभिमान खोए वह भारत के पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर सकेगी.
क्या है दाहरा ग्लोबल केस (Dahra Global case)
कतर की जेल में बंद आठों पूर्व नौसैनिक अधिकार वहां पर एक प्राइवेट डिफेंस फर्म में काम कर रहे थे. यह कतर (Qatar) की नेवी को ट्रेनिंग के साथ ही उन्हें कई हार्डवेयर भी सप्लाई करती है. रॉयल ओमान की वायु सेना का सेवानिवृत स्कवाड्रन लीडर खामिस अल अजमी की इस कंपनी का सीईओ है. कतर प्रशासन का आरोप है कि कंपनी में काम कर रहे भारत के आठों पूर्व नौसैनिकों ने निर्माणाधीन पनडुब्बी के फीचर्स की जानकारी इजरायल को दे दी थी. वे सभी नेवी कर्मी पिछले साल अगस्त से ही कतर की जेल में बंद हैं. कतर ने अभी तक इन पूर्व अफसरों पर लगाए गए आरोपों की जानकारी नहीं दी है.