जानिए कौन है मंजूर पश्तीन, जिसने 25 साल की उम्र में पाकिस्तान की नाक में किया दम
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जानिए कौन है मंजूर पश्तीन, जिसने 25 साल की उम्र में पाकिस्तान की नाक में किया दम

पाकिस्तान के युद्ध ग्रस्त इलाके दक्षिणी वजीरिस्तान से ताल्लुक रखने वाले 25 साल के मंजूर पश्तीन ने पाकिस्तान के नाक में दम कर दिया है.

मंजूर पश्तीन ने साल 2014 में पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट की शुरुआत की थी.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: पाकिस्तान के युद्ध ग्रस्त इलाके दक्षिणी वजीरिस्तान से ताल्लुक रखने वाले 25 साल के मंजूर पश्तीन ने पाकिस्तान के नाक में दम कर दिया है. पाकिस्तान में पश्तून समुदाय के हित में आवाज उठाने वाले संगठन पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) के प्रमुख मंजूर पश्तीन को पुलिस ने सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि मंजूर पश्तीन को पेशावर के शाहीन टाउन से सोमवार तड़के गिरफ्तार किया गया. उनके साथ पीटीएम के नौ अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें पेशावर की एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

पश्तीन के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस ने बताया कि पीटीएम प्रमुख के खिलाफ डेरा इस्माइल खान के सिटी पुलिस स्टेशन में 18 जनवरी को मामला दर्ज किया गया था. उन पर राजद्रोह, देश के निर्माण की निंदा कर इसकी संप्रभुता को खत्म करने की वकालत करने समेत कई अन्य आरोप लगाए गए हैं. पश्तीन के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि उन्होंने 18 जनवरी को डेरा इस्माइल खान में एक सभा में कहा था कि देश का 1973 का संविधान मूल मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है. इसमें यह भी कहा गया कि उन्होंने राज्य के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं.

पीटीएम नेता व सांसद मोहसिन डावर ने इस गिरफ्तारी पर कहा, "यह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकार मांगने पर हमें दिया गया इनाम है. मंजूर की गिरफ्तारी हमारे हौसले को और मजबूत करेगी. हम मंजूर पश्तीन की अविलंब रिहाई की मांग करते हैं." उन्होंने पीटीएम कार्यकर्ताओं व समर्थकों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया और कहा कि विचार विमर्श के बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी. डावर ने कहा कि हम उनके खिलाफ खड़े हैं जो हमारे संवैधानिक अधिकारों को देने की हमारी मांग से परेशान हैं. हम यह मांग करते रहेंगे.

मानवाधिकार संगठनों ने हैशटैग मंजूर पश्तीन को रिहा करो मुहिम छेड़ दी है.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी पश्तीन की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनकी अविलंब और बिना शर्त रिहाई की मांग की है. मंजूर पश्तीन की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर विभिन्न संगठनों, नेताओं, मानवाधिकार संगठनों ने हैशटैग मंजूर पश्तीन को रिहा करो मुहिम छेड़ दी है.

पीटीएम देश के कबाइली इलाकों में पाकिस्तानी सेना की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाता रहा है. उसकी मांग है कि आतंकवाद से कथित लड़ाई के नाम पर पश्तून समुदाय के लोगों की न्यायेत्तर हत्याओं, उन्हें जबरन लापता कर दिए जाने और गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किए जाने पर रोक लगाई जाए.

जानिए कौन है मंजूर पश्तीन
25 साल के मंजूर पश्तीन पाकिस्तान के युद्ध ग्रस्त इलाके दक्षिणी वजीरिस्तान से ताल्लुक रखते हैं. यह इलाका पाकिस्तानी तालिबान की मजबूत पकड़ के लिए जाना जाता रहा है. मंजूर पश्तीन पाकिस्तान के अखबारों की सुर्खियों में तब आने लगे जब पिछले साल जनवरी में दक्षिणी वजीरिस्तान के रहने वाले एक युवक नकीबुल्लाह मेहसूद की कराची में हुए पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी. नकीबुल्लाह एक उभरते हुए मॉडल थे. उनकी मौत के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसमें मंजूर पश्तीन शामिल हो गए और बहुत ही कम वक्त में वे सुर्खियों में छा गए.

मंजूर पश्तीन की पहचान पाकिस्तान के पिछड़े और दबे-कुचले समाज की आवाज के रूप में की जाती है. पाकिस्तान में दूसरे सबसे बड़े जातीय समूह पश्तून लगातार अपनी सुरक्षा, नागरिक स्वतंत्रता और समान अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं. मंजूर पश्तीन ने साल 2014 में पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट की शुरुआत की थी, लेकिन यह अभियान बहुत ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाया.

जनवरी 2018 में हुए नकीबुल्लाह की मौत के बाद वो एक खास वर्ग समूह के लिए एकाएक हीरो बन गए. मौत के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन देश के कई हिस्सों में फैलने लगा.इन विरोध प्रदर्शनों के बीच मंजूर पश्तीन ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी पहुंच पश्तून युवाओं तक बनानी शुरू कर दी और अपने भाषणों को इनके बीच शेयर करने लगे. इन भाषणों में वो कबायली समुदाय विशेषकर पश्तूनों के हक की मांग करते दिखे. युवा इन भाषणों से प्रभावित होकर उनके आंदोलन से जुड़ते चले गए. 

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