PM Modi US Visit: कितना नायाब है ग्रीन डायमंड, जिसे पीएम मोदी ने जिल बाइडेन को तोहफे में दिया
Advertisement
trendingNow11749202

PM Modi US Visit: कितना नायाब है ग्रीन डायमंड, जिसे पीएम मोदी ने जिल बाइडेन को तोहफे में दिया

Green Diamond: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और जिल बाइडेन ने वाइट हाउस में पीएम मोदी के लिए डिनर की मेजबानी की. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की. तोहफों का आदान-प्रदान किया और भारत के विभिन्न क्षेत्रों के संगीत का लुत्फ उठाया.

PM Modi US Visit: कितना नायाब है ग्रीन डायमंड, जिसे पीएम मोदी ने जिल बाइडेन को तोहफे में दिया

PM Modi Gifted Green Diamond To Jill Biden: अपने 3 दिन के अमेरिकी दौरे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन से मुलाकात की. इस दौरान तोहफों का भी आदान-प्रदान हुआ. पीएम मोदी ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडन को कश्मीर के बेहद खूबसूरत पेपरमेशी के छोटे से बॉक्स में 7.5 कैरेट का ग्रीन डायमंड तोहफे में दिया. इस हीरे को इको-फ्रेंडली लैब में तैयार किया गया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और जिल बाइडेन ने वाइट हाउस में पीएम मोदी के लिए डिनर की मेजबानी की. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की. तोहफों का आदान-प्रदान किया और भारत के विभिन्न क्षेत्रों के संगीत का लुत्फ उठाया.

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, 'भारत का हीरा. प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर के शानदार पेपरमेशी बॉक्स में रखे इस खूबसूरत इको फ्रेंडली हरे हीरे को अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन को तोहफे में दिया.'

कैसे बनाया गया हीरा

यह हीरा इको फ्रेंडली है क्योंकि इसको बनाने में सोलर और विंड एनर्जी जैसे संसाधनों का इस्तेमाल किया गया है. ग्रीन डायमंड को अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके सटीकता और देखभाल के साथ गढ़ा गया है. यह प्रति कैरेट केवल 0.028 ग्राम कार्बन निकालता है और जेमोलॉजिकल लैब, आईजीआई (इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट) से सर्टिफाइड है.

भारत देश की लैब में बने हीरे (LGD) की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रहा है और इसके लिए सरकार ने पिछले आम बजट में कुछ कदमों का ऐलान भी किया था.

इंडिया सेंटर बनाने का है प्रस्ताव

सरकार ने एलजीडी बीजों पर कस्टम ड्यूटी को 5 प्रतिशत से हटाने की घोषणा की थी. इसके अलावा एलजीडी मशीनरी, बीज और नुस्खा के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास को पांच साल के रिसर्च ग्रांट को भी मंजूरी दी गई थी.

आईआईटी मद्रास में 5 साल में 242.96 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ लैब-विकसित डायमंड (इनसेंट-एलजीडी) के लिए एक इंडिया सेंटर बनाने का प्रस्ताव है. लैब में बने हीरे की मैन्युफैक्चरिंग दो टेक्नोलॉजी से की जाती है. इसमें हाई प्रेशन, हाई टेंपरेचर (एचपीएचटी) और कैमिकल वेपर डेपोजिशन (सीवीडी) शामिल है. भारत सीवीडी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इन हीरों की मैन्युफैक्चरिंग करने वाले अहम उत्पादकों में से एक है.

(इनपुट-PTI)

Trending news