LAC पर पहली चाल में सैनिकों की वापसी.. अब जयशंकर ने बताया चीन को लेकर क्या होगा फ्यूचर प्लान
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LAC पर पहली चाल में सैनिकों की वापसी.. अब जयशंकर ने बताया चीन को लेकर क्या होगा फ्यूचर प्लान

India China Tension: चीन के साथ लद्दाख में देपसांग और डेमचोक पर सालों से चली आ रही तनातनी अब लगभग खत्म हो चुकी है. लंबी बातचीत के बाद दोनों देशों ने इस मसले का हल निकाल लिया. दोनों जगहों से भारत-चीन के सैनिक पीछे हटेंगे.

LAC पर पहली चाल में सैनिकों की वापसी.. अब जयशंकर ने बताया चीन को लेकर क्या होगा फ्यूचर प्लान

India China Tension: चीन के साथ लद्दाख में देपसांग और डेमचोक पर सालों से चली आ रही तनातनी अब लगभग खत्म हो चुकी है. लंबी बातचीत के बाद दोनों देशों ने इस मसले का हल निकाल लिया. दोनों जगहों से भारत-चीन के सैनिक पीछे हटेंगे. वैसे चीन और भारत के बीच कई और भी मसलों को लेकर विवाद है. जिसके बार में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि देपसांग और डेमचोक में सैनिकों का पीछे हटना पहला कदम है. अगला कदम तनाव कम करना है.

..भारत 2020 की गश्त की स्थिति में वापस आ जाएगा

एस जयशंकर ने कहा कि उम्मीद है कि भारत 2020 की गश्त की स्थिति में वापस आ जाएगा. विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से चीन का जिक्र करते हुए कहा कि अगला कदम तनाव कम करना है. जो तब तक नहीं होगा जब तक भारत को यकीन नहीं हो जाता कि दूसरी तरफ भी यही हो रहा है.

भारत का चीन के साथ समझौता

इस सप्ताह की शुरुआत में भारत ने घोषणा की कि उसने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त करने को लेकर चीन के साथ समझौता कर लिया है. चार साल से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में यह एक बड़ी सफलता है. 

क्या बोले एस जयशंकर

मुंबई में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि देपसांग और डेमचोक में गश्त करने और पीछे हटने पर आम सहमति बन गई है. उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि इसे लागू करने में समय लगेगा. यह पीछे हटने और गश्त का मुद्दा है, जिसका मतलब है कि हमारी सेनाएं एक-दूसरे के बहुत करीब आ गई थीं और अब वे अपने ठिकानों पर वापस चली गई हैं. हमें उम्मीद है कि 2020 वाली स्थिति बहाल हो जाएगी.’

सैनिकों की वापसी.. पहला कदम

विदेश मंत्री ने कहा कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी करना पहला कदम है. अगला कदम तनाव कम करना है, जो तब तक नहीं होगा जब तक भारत को यकीन न हो जाए कि दूसरी तरफ भी यही हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘तनाव कम होने के बाद सीमाओं का प्रबंधन कैसे किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी.’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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