Pakistan: TTP के आतंकी हमलों से परेशान पाकिस्तान को क्यों सताने लगा ISIS का डर
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Pakistan: TTP के आतंकी हमलों से परेशान पाकिस्तान को क्यों सताने लगा ISIS का डर

Pakistan News: मंत्रालय का बयान तब आया जब सीनेट को टीटीपी के बढ़ते प्रभाव और गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई. मंत्रालय ने कहा,’टीटीपी ने अपनी गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि की है.

Pakistan: TTP के आतंकी हमलों से परेशान पाकिस्तान को क्यों सताने लगा ISIS का डर

Terrorism in Pakistan: पाकिस्तान खैबर पख्तूनख्वा प्रांत  के आदिवासी जिलों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों की बढ़ती गतिविधियों से परेशान है. वहीं आतंरिक मंत्रालय ने नए खतरे के प्रति आगाह किया है. मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान को इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) से भी खतरा है, जो देश में पैर जमाने की कोशिश कर रहा है.

मंत्रालय का बयान तब आया जब सीनेट को टीटीपी के बढ़ते प्रभाव और गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई. प्रश्नकाल के दौरान एक लिखित जवाब में आंतरिक मंत्रालय ने 2022 में शांति वार्ता के दौरान टीटीपी के पुनर्गठन और उसकी आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोतरी के बारे में बताया.

मंत्रालय ने कहा,’टीटीपी ने अपनी गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि की है. यह ताकत और क्षमताएं बढ़ाने के लिए अन्य आतंकवादी समूहों का समर्थन मांग रहा है. यह ज्यादातर खैबर पख्तूनख्वा में केंद्रित है, विशेष रूप से विलय किए गए जिलों में,  बलूचिस्तान में अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ देश में अपने नेटवर्क को सक्रिय करने की कोशिश कर रहा है.’

पैर जमाने की कोशिश में इस्लामिक स्टेट
मंत्रालय ने कहा कि आतंकवादी ग्रुप दाएश [इस्लामिक स्टेट] भी पाकिस्तान में पैर जमाने की कोशिश कर रहा है और सांप्रदायिक संघर्ष को भड़काने के लिए शियाओं और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों का सहारा ले रहा है.

बयान में कहा गया कि सीमा पार से अवैध आवाजाही को रोकने के लिए पाकिस्तान की पश्चिमी सीमाओं पर बाड़ लगाने का काम काफी हद तक पूरा हो चुका है. हालांकि, इसमें बताया गया कि दोनों संगठन, विशेष रूप से टीटीपी, बाड़ को तोड़ना जारी रखे हुए हैं.

बता दें पिछले साल अफगानिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों से घातक हमलों का सामना करने के बाद, पाकिस्तान ने मार्च 2017 में अफगानिस्तान के साथ अपनी खुली सीमाओं पर बाड़ लगाना शुरू कर दिया था.

2,640 किलोमीटर लंबी सीमा पर बनाया जा रहा बैरियर, जिसे डूरंड लाइन भी कहा जाता है, पूरा होने के करीब है. यह ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों, घने जंगलों वाली घाटियों और संकीर्ण चट्टानी मार्गों से होकर गुजरता है.

युद्धविराम रद्द होने के बाद आतंकियों के हमले बढ़े
नवंबर 2022 में पाकिस्तानी सरकार के साथ युद्धविराम रद्द करने के बाद से आतंकवादियों ने अपने हमले तेज कर दिए हैं.

पिछले वर्ष में सुरक्षा बलों पर सबसे घातक हमले में, 12 दिसंबर को तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा डेरा इस्माइल खान का दरबान क्षेत्र में सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले परिसर पर हमला करने के बाद कम से कम 23 पाकिस्तानी सेना के सैनिक शहीद हो गए और 30 से अधिक सैनिक घायल हो गए.

(इनपुट - एजेंसी)

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