Pakistani Woman Shocking Behaviour: पाकिस्तान में क्रूर और अमानवीय चेहरा सामने आने, दुनिया भर से लानत मिलने और पुलिस की गिरफ्त में फंसने के बाद सड़क पर दो लोगों की कुचलकर जान लेने वाली महिला की अकड़ ढीली पड़ गई है. नताशा दानिश नाम की इस महिला के वकील ने कोर्ट में उसके मानसिक तौर पर बीमार होने का हवाला दिया है.
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Natasha Danish Is Mentally Weak: कराची में अपनी टोयोटा लैंड क्रूज़र से दो लोगों को कुचलकर मारने के बाद मुस्कराने और कैमरे के सामने लोगों को धमकाने वाली पाकिस्तानी महिला नताशा दानिश की अकड़ ढीली पड़ गई है. उसके वकील ने कोर्ट में बचाव के लिए " वह मानसिक रूप से कमज़ोर है" वाला सालों पुराना घिसा-पिटा तर्क दिया है.
चेहरे पर क्रूर और अमानवीय मुस्कान के साथ नताशा कैमरे में कैद
बेहद दर्दनाक और चर्चित इस दुर्घटना के बाद पाकिस्तान के जाने-माने बिजनेसमैन दानिश इकबाल की पत्नी नताशा दानिश को चेहरे पर क्रूर और अमानवीय मुस्कान के साथ कैमरे में कैद किया गया था. कथित तौर पर वह गुस्साई भीड़ को "तुम मेरे बाप को नहीं जानते" कहते हुए धमका रही थी. शुरुआत में माना जा रहा था कि नताशा बेहद नशे में थी, लेकिन फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.
गुस्साई भीड़ पर चिल्लाती नताशा को बचा रहे थे पाकिस्तानी रेंजर्स
नताशा दानिश का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर दुनिया भर के लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया था. बोल न्यूज़ के मुताबिक, खुद को सड़क पर रोके जाने को लेकर जब वह गुस्साई भीड़ पर अपना रौब दिखाते हुए पलटवार कर रही थी, तब पाकिस्तान रेंजर्स के जवान उसे भीड़ से बचा रहे थे. इसको लेकर पाकिस्तानी की कानून व्यवस्था को भी खूब ट्रोल किया गया था.
Natasha Iqbal's crushing poor father his daughter in the drunkenness of wealth,this smile is spitting on the face of Pakistan's law,courts,justice system and government.This is slander in the name of the elite above the law.There are prisons punishments,detentions, fines for poor pic.twitter.com/iBNl3ZqgcE
— Zain Tareen (@Zaintareen_) August 24, 2024
कराची में करसाज़ रोड पर महिला ने 6 को कुचला, 2 की मौत
रिपोर्ट के मुताबिक दुर्घटना 19 अगस्त को हुई थी. नताशा दानिश ने कराची में करसाज़ रोड पर तेज रफ्तार से एक टर्न लेते हुए कई मोटरसाइकिल और एक खड़ी कार से अपनी टोयोटा लैंड क्रूज़र टकरा दी. इससे एक पिता-पुत्री की मौके पर ही मौत हो गई और कम से कम चार लोग घायल हो गए थे. एमएम न्यूज के मुताबिक, घायलों में से एक अब वेंटिलेटर पर है. अगले दिन, नताशा के वकील अमीर मंसूब ने द टाइम्स ऑफ़ कराची के पत्रकारों से अपने मुवक्किल की मानसिक स्थिति के बारे में बात करते हुए उसे कमजोर बताया.
पिछले 5 वर्षों से मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने की दुहाई
अमीर मंसूब ने कहा, "वह नहीं जानती कि उसका एक्सीडेंट हुआ था और वह कार चला रही थी. वह मानसिक रूप से कमजोर है. इस स्थिति में लोगों को चीजें याद नहीं रहती हैं. वह नहीं जानती है कि उसका एक्सीडेंट हुआ है; वह नहीं जानती है कि उसने कार चलाई थी. वह बिल्कुल सही मानसिक स्थिति में नहीं है. वह बिल्कुल ठीक नहीं है."
मंसूब ने आगे खुलासा किया कि नताशा दानिश "पिछले 5 वर्षों" से मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं और दुर्घटना के समय भी दवा पर थीं. उन्होंने यह भी बताया कि वह जिन्ना अस्पताल में इलाज करा रही थीं. हालांकि, अस्पताल के रिकॉर्ड ने वकील के दावे का खंडन किया और बताया कि नताशा दानिश बिल्कुल ठीक है.
संवेदनशील मानसिक हालत में क्यों दी गई गाड़ी चलाने की इजाजत?
यह पूछे जाने पर कि 32 वर्षीया नताशा दानिश को उसकी "संवेदनशील मानसिक स्थिति" में गाड़ी चलाने की इजाजत क्यों दी गई, वकील ने कहा कि उसका परिवार इस बात से अनजान था कि वह गाड़ी चलाने के लिए बाहर निकली थी. उन्होंने कहा, "उसके परिवार को नहीं पता था कि वह कार चला रही है. वैसे नताशा पर कार चलाने को लेकर पाबंदी थी. उसे कहा गया था बाहर नहीं जाना है, लेकिन वह चली गई."
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भाई- भतीजी को खोने वाले इम्तियाज आरिफ ने कराई एफआईआर
इस जानलेवा सड़क हादसे के बाद कराची के बहादराबाद पुलिस स्टेशन में नताशा दानिश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. यह एफआईआर इम्तियाज आरिफ ने दायर किया था. उनके भाई इमरान आरिफ और भतीजी आमना आरिफ की इस हादसे में मौत हो गई थी. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायत में पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 320, 337-जी, 279 और 427 का इस्तेमाल किया गया है. ये धाराए लापरवाही से गाड़ी चलाने, चोट पहुंचाने और शरारत करने से संबंधित है.
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संगीन आरोपों के बावजूद पुलिस हिरासत के बदले घर पर गुजारी रात
दिलचस्प बात यह है कि ऐसे कई सारे संगीन आरोपों का सामना करने के बावजूद, नताशा दानिश ने पुलिस हिरासत में नहीं बल्कि अपने घर पर रात बिताई. 20 अगस्त को, जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सेंटर (जेपीएमसी) में उसकी मानसिक बीमारी के चल रहे इलाज का हवाला देते हुए, कानून प्रवर्तन अधिकारी उसे अदालत में पेश करने में असमर्थ थे. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच अधिकारी ने 14 दिन की पुलिस रिमांड का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने केवल एक दिन की रिमांड दी.