Mohamed Muizzu: ये वही मोहम्मद मुइज्जू हैं जिन्होंने पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से चीन की सरपस्ती के तेवर दिखाए थे और भारत के प्रति सख्त रुख अपनाया था, तब से लेकर अब तक वे भारत के खिलाफ जहर उगलते आए हैं.
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Maldives President: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सुर भारत को लेकर ढीले पड़ गए हैं. चीन परस्त और भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी पहचान बना चुके मुइज्जू ने कहा है कि भारत उनके देश का "निकटतम सहयोगी" बना रहेगा. साथ ही उन्होंने भारत से कर्ज राहत की भी मांग की हुई है. असल में राष्ट्रपति बनने के बाद गुरुवार को स्थानीय मीडिया के साथ अपने पहले साक्षात्कार में मुइज्जू ने कहा कि भारत मालदीव को सहायता प्रदान करने में सहायक रहा है और उसने सबसे ज्यादा परियोजनाओं को लागू किया.
मालदीव के एक समाचार संस्थान को दिए साक्षात्कार में राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा है कि उन्होंने कहा कि भारत मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी बना रहेगा और उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इसके बारे में कोई सवाल ही नहीं है.
'निकटतम सहयोगी बना रहेगा..'
ऐसा लग रहा है कि उनकी हेकड़ी अब निकल गई है. शायद इसीलिए मुइज्जू ने सुलह का रुख अपनाते हुए कहा कि भारत उनके देश का निकटतम सहयोगी बना रहेगा. पिछले साल के अंत तक मालदीव पर भारत का लगभग 400.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर बकाया था. उसके लिए मुइज्जू ने पहले ही कर्ज राहत की मांग की हुई है.
पिछले साल नवंबर में ली थी शपथ..
ये वही मोहम्मद मुइज्जू हैं जिन्होंने पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से चीन की सरपस्ती के तेवर दिखाए थे और भारत के प्रति सख्त रुख अपनाया था, तब से लेकर अब तक वे भारत के खिलाफ जहर उगलते आए हैं. इतना ही नहीं राष्ट्रपति बनने के कुछ ही घंटों के अंदर ही उन्होंने मांग की थी कि तीन विमानन प्लेटफार्मों का संचालन करने वाले भारतीय सैन्य कर्मियों को 10 मई तक उनके देश से वापस भारत भेज दिया जाए.
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