King Charles III: ब्रिटेन में किंग चार्ल्स का राजतिलक, राजा बनने के बाद मिले ये पावर
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King Charles III: ब्रिटेन में किंग चार्ल्स का राजतिलक, राजा बनने के बाद मिले ये पावर

King Charles III Power: राज परिवार में 70 साल बाद ताजपोशी समारोह हुआ और किंग चार्ल्स थर्ड (King Charles III) की ताजपोशी के साथ ही ब्रिटेन (Britain) की राजशाही के नए युग का आरंभ हो गया है.

King Charles III: ब्रिटेन में किंग चार्ल्स का राजतिलक, राजा बनने के बाद मिले ये पावर

King Charles III Coronation: किंग चार्ल्स ब्रिटेन समेत 15 देशों के नए सम्राट बन गए हैं. शानदार समारोह में 2000 से ज्यादा मेहमानों की मौजूदगी में शनिवार को किंग चार्ल्स की ताजपोशी हुई. किंग के साथ क्वीन कैमिला की भी तोजपोशी हुई. 80 मिनट तक चली रस्मों में ऐतिहासिक और राजशाही की विरासत देखने को मिलीं. राज परिवार में 70 साल बाद ताजपोशी समारोह हुआ है और 74 साल के किंग चार्ल्स औपचारिक तौर पर राजा बने हैं. किंग चार्ल्स थर्ड (King Charles III) की ताजपोशी के साथ ही ब्रिटेन (Britain) की राजशाही के नए युग का आरंभ हो गया है.

किंग चार्ल्स थर्ड बने हेड ऑफ स्टेट

ब्रिटेन में सीमित राजशाही प्रणाली है और राजा हेड ऑफ स्टेट होता है, लेकिन उनकी शक्तियां सिर्फ औपचारिक होती हैं. यानी यहां के सरकारी कामों में राजा का हस्तक्षेप काफी कम होता है. इसके साथ ही ब्रिटेन की राजशाही के नियम के अनुसार देश की गद्दी पर बैठने वाले का झुकाव किसी भी राजनीतिक पार्टी की तरफ नहीं होना चाहिए और वह देश के किसी भी मामले में मुखर होकर कमेंट नहीं कर सकता है.

किंग चार्ल्स थर्ड को मिलेगी क्या-क्या शक्तियां

किंग चार्ल्स ब्रिटेन समेत 15 देशों के राजा बन गए हैं, लेकिन सभी जगहों पर संवैधानिक राजशाही है और यहां पर राजा की शक्तियां सिर्फ सांकेतिक होती हैं. राजा किसी भी राजनीतिक फैसलों में सीधे तौर पर दखल नहीं दे सकता हैं और देश के सभी फैसले वहां की संसद और प्रधानमंत्री ही लेते हैं. ब्रिटेन का राजा स्टेट का प्रमुख होता है, लेकिन वह सरकार का प्रमुख नहीं होता है और यह काम प्रधानमंत्री के जिम्मे होता है.

राजा के पास नई सरकारों को मंजूरी देने का अधिकार

राजा भले ही राजनीतिक फैसले नहीं ले सकता है, लेकिन उनके कुछ संवैधानिक कर्तव्य होते हैं. नई सरकारों को मंजूरी देने का अधिकार ब्रिटेन के राजा के पास होता है और वह देश में चुनाव जीतने वाली राजनीतिक पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता है. ब्रिटेन का राजा संवैधानिक प्रणाली से चुने गए प्रधानमंत्री और कुछ अधिकारियों की नियुक्ति करता है. इसके अलावा संसदीय सत्र की शुरुआत के समय ब्रिटेन का राजा संसद को संबोधित भी करता है.

कानून पारित होने के बाद औपचारिक मुहर लगाने के अधिकार

भारत के राष्ट्रपति की तरह ब्रिटेन का किंग (Britain King) संसद में कानून पारित होने के बाद उस पर औपचारिक मुहर लगाता है. इसके साथ ही कुछ असामान्य परिस्थितियों को लेकर भी किंग के पास खास शक्ति होती है और वह एकतरफा रूप से चुनी सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार रखता है.

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