US Presidential Election 2024: दूसरी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने पर बोले जो बाइडेन, ‘मैं योजना बना रहा हूं लेकिन...’
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US Presidential Election 2024: दूसरी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने पर बोले जो बाइडेन, ‘मैं योजना बना रहा हूं लेकिन...’

Joe Biden News: जो बाइडेन 80 वर्ष के हैं और 78 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पहले से ही अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं. यदि वह जीतते हैं, तो दूसरा कार्यकाल शुरू होने पर वह 82 वर्ष के हो जाएंगे.

US Presidential Election 2024:  दूसरी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने पर बोले जो बाइडेन, ‘मैं योजना बना रहा हूं लेकिन...’

US Politics: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बार फिर राष्ट्रपति पद के दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं. हालांकि अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की है. बाइडेन ने सोमवार को एनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं राष्ट्रपति की रेस में शामिल होने की योजना बना रहा हूं, लेकिन हम अभी तक इसकी घोषणा करने के लिए तैयार नहीं हैं.’

बाइडेन इससे पहले भी कह चुके हैं कि उनका दूसरे कार्यकाल में फिर से आने का इरादा है लेकिन वह इसकी घोषणा अपने परिवार से सलाह-मशविरा करने के बाद ही करेंगे. प्रथम महिला जिल बाइडेन ने फरवरी में सीएनएन को बताया, ‘मैं इसके लिए बिल्कुल तैयार हूं.’

80 वर्ष के हैं बाइडेन
इस बात की काफी संभावना है कि अपनी उम्र से जुड़े सवालों को दरकिनार करते हुए जो बाइडेन राष्ट्रपति पद के दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ेंगे. बाइडेन 80 वर्ष के हैं और 78 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पहले से ही अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं. यदि वह जीतते हैं, तो 2025 में दूसरा कार्यकाल शुरू होने पर वह 82 वर्ष के हो जाएंगे.

ट्रंप भी बना रहे चुनाव लड़ने की योजना
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो अब तक बाइडेन के प्रमुख रिपब्लिकन चैलेंजर हैं, 76 वर्ष के हैं और यदि वह जीतते हैं तो उस समय 78 वर्ष के होंगे. वह 2020 में बाइडेन से चुनाव हार गए और बढ़ती कानूनी परेशानियों के बीच तीसरी बार चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं.

राष्ट्रपति बिइडेन वर्तमान में फाइव थटीर्हाइट कुल चुनावों में 52.6 प्रतिशत अस्वीकृति रेटिंग के साथ 42.6 प्रतिशत अनुमोदन रेटिंग पर हैं। जबकि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के अपंग प्रभाव से उबर गई है और बेरोजगारी कम है, मुद्रास्फीति उच्च बनी हुई है और बढ़ती ब्याज दरों के कारण - फेडरल रिजर्व द्वारा कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए - मंदी की आशंका हवा में है, जिसे हाल के हफ्तों में दो क्षेत्रीय बैंकों के पतन से बल मिला है।

(इनपुट – एजेंसी )

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