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मॉस्को: रूस (Russia) ने उत्तरी यूरोप के देशों (Nordic countries) को किसी भी गैरजरूरी गतिविधि में शामिल होने से बचने को कहा है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के प्रशासन ने इस सिलसिले में फिनलैंड (Finland) और स्वीडन (Sweden) को नाटो (NATO) में शामिल होने के खिलाफ चेतावनी दी है.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच अब यूरोप के कुछ देश अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहे हैं. पश्चिमी देशों की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिनलैंड और स्वीडन जल्द से जल्द उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल होना चाहते हैं. दरअसल पिछले हफ्ते इन दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच चली लंबी बैठक के बाद ऐसा कहा गया था कि ये दोनों देश अपनी सुरक्षा के लिए बड़ा फैसला लेने को तैयार हैं.
इन खबरों के सामने आने के चंद घंटों बाद रूसी हथियारों से लैस एक बड़े काफिले को फिनलैंड के साथ लगती सीमा की ओर बढ़ते देखा गया. इस बीच फिनलैंड की एक रिसर्च कंपनी की ओर से कराए गए सर्वे में 84% लोगों ने रूस को 'गंभीर सैन्य खतरे' के रूप में देखा है. फिनलैंड के नेताओं की गतिविधियों के जवाब में क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने चेतावनी दी कि इस कदम से यूरोप की सुरक्षा स्थिति में सुधार नहीं होगा बल्कि हालात और बिगड़ जाएंगे. इस बीच रूसी सांसद व्लादिमीर दजबारोव ने कहा कि इसका मतलब कुछ जगह पर विनाश होगा.
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पेसकोव ने कहा, 'हमने बार-बार कहा है कि गठबंधन टकराव की दिशा में एक उपकरण बना हुआ है और इसके आगे के विस्तार से यूरोपीय महाद्वीप में स्थिरता नहीं आएगी.' बता दें कि कुछ दिनों पहले फिनलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर स्टब ने कहा था कि आने वाले कुछ सप्ताह में उनका देश नाटो में शामिल होने के लिए एक औपचारिक आवेदन दे सकता है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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