World News: इस टैंकर को कभी 'स्वेज राजन' के नाम से जाना जाता था और यह एक साल से विवाद में फंसा हुआ था. हथियारबंद लोगों के इसमें सवार होने के कुछ घंटे बाद गुरुवार की दोपहर टैंकर को जब्त किया गया. निजी सुरक्षा कंपनी ‘एंब्रे’ ने कहा कि चार से पांच हथियारबंद लोग जहाज पर चढ़े
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Gulf of Oman: ईरान की नौसेना ने गुरुवार को ओमान की खाड़ी में एक तेल टैंकर जब्त किया है. टैंकर जब्त किए जाने से पश्चिम एशिया में जलमार्ग में तनाव और बढ़ने की आशंका है. इस टैंकर को कभी 'स्वेज राजन' के नाम से जाना जाता था और यह एक साल से विवाद में फंसा हुआ था. अमेरिकी सरकार ने इस टैंकर में मौजूद लगभग दस लाख बैरल ईरानी कच्चे तेल को जब्त कर लिया था. सरकारी समाचार एजेंसी इरना की खबर के अनुसार ईरान की नौसेना ने एक तेल टैंकर को जब्त किया है. खबर के अनुसार इसे एक न्यायिक आदेश के तहत जब्त किया गया है.
जहाज पर चढ़े हथियारबंद लोग
इसके मुताबिक हथियारबंद लोगों के इसमें सवार होने के कुछ घंटे बाद गुरुवार की दोपहर टैंकर को जब्त किया गया. निजी सुरक्षा कंपनी ‘एंब्रे’ ने कहा कि चार से पांच हथियारबंद लोग जहाज पर चढ़े. कंपनी ने कहा कि इसकी पहचान तेल टैंकर ‘सेंट निकोलस’ के तौर पर हुई है. इसने कहा कि लोगों ने टैंकर पर चढ़ते समय निगरानी कैमरों को ढक दिया था. ‘सेंट निकोलस’ को पहले स्वेज राजन नाम दिया गया था, जो यूनानी नौवहन कंपनी ‘एम्पायर नेविगेशन’ से जुड़ा था.
कंपनी के सिक्योरिटी अफसर के मुताबिक, उसने फोन पर कुछ अजीबोगरीब आवाजें सुनी थीं, जिसके बाद जहाज से कनेक्शन टूट गया. जहाज को जब्त गुरुवार सुबह ईरान और ओमान के बीच जलमार्ग में किया गया. ब्रिटिश नेवल इन्फॉर्मेशन सर्विस ने कहा, जहाज पर चढ़े 'हथियारबंद लोगों' ने मिलिट्री स्टाइल वाली काली यूनिफॉर्म पहन रखी थी और मास्क लगाया हुआ था.
अमेरिका भी सीज कर चुका है ये जहाज
जहाज को मैनेज करने वाली कंपनी का कहना है कि इसमें 1,45000 टन कच्चा तेल भरा हुआ है और इसमें 18 फिलिपींस और एक ग्रीक नागरिक सवार है. सेंट निकोलस को पुराने नाम के साथ अमेरिका ने सीज किया था. ईरान पर प्रतिबंध के तहत यह कदम उठाया गया था. गुरुवार की घटना लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले की वारदात में सबसे ताजी है, जिन्होंने मालवाहक जहाजों को निशाना बनाया था. यमन और ईरान के समर्थन वाले हूती विद्रोहियों ने कहा कि वे गाजा में इजरायल के युद्ध के खिलाफ हैं. अमेरिका और ईरान के बीच उस वक्त तनाव और बढ़ गया था, जब इजरायल-हमास युद्ध में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान को किसी भी तरह के दखल न देने की नसीहत दी थी.
(एजेंसी इनपुट के साथ)