जान बचाकर भाग रहे हजारों बांग्लादेशी हिंदू मांग रहे भारत में शरण, फिर भी मोदी सरकार ने क्यों ओढ़ रखी है चुप्पी?
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जान बचाकर भाग रहे हजारों बांग्लादेशी हिंदू मांग रहे भारत में शरण, फिर भी मोदी सरकार ने क्यों ओढ़ रखी है चुप्पी?

Bangladeshi Hindus Crisis: बांग्लादेश से अपनी जान बचाकर भाग रहे हिंदू भारत सरकार से शरण मांगने के लिए हजारों की संख्या में सरहद पर जमा हैं. इसके बावजूद मोदी सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हुए है.

जान बचाकर भाग रहे हजारों बांग्लादेशी हिंदू मांग रहे भारत में शरण, फिर भी मोदी सरकार ने क्यों ओढ़ रखी है चुप्पी?

Bangladeshi Hindus Crisis in Hindi: बांग्लादेशी हिंदुओं को सबसे ज्यादा उम्मीद भारत से है. चूंकि भारत में हिंदुओं की आबादी करीब 100 करोड़ है, इसलिए बांग्लादेश में सताए हिंदू भारत के हिंदुओं की तरफ मदद की उम्मीद से देख रहे हैं. 

बांग्लादेश में उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. इसलिए वहां के हजारों हिंदू भारत-बांग्लादेश सीमा पर पहुंच गए हैं. वे भारत में शरण देने की मांग कर रहे हैं और भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. बॉर्डर पर खड़े बांग्लादेशी हिंदू भारत सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनके लिए बॉर्डर खोल दिए जाएं. उन्हें भारत में शरण दी जाए. उनका कहना है कि एक हिंदू बाहुल्य देश होने के नाते भारत उनकी मदद करे और उनके लिए रहने खाने की व्यवस्था करे. 

करते रहे बॉर्डर खोलने की मांग

यही मांग करते हुए आज हजारों की संख्या में बांग्लादेश से आए हिंदू पानी में घंटों खड़े होकर बॉर्डर खोलने की मांग करते रहे. लेकिन BSF ने किसी भी बांग्लादेशी हिंदू को बॉर्डर पार नहीं करने दिया, जिससे वहां तनाव जैसे हालात भी दिखे. बांग्लादेश के अंदरूनी हिस्सों से भागकर आए हजारों लोग हंगामा करते नजर आए. 

क्यों चिंता में है भारतीय हिंदू?

बांग्लादेश में रहने वाले हजारों हिंदू इस समय भारत की शरण में आना चाहते हैं, लेकिन भारत इन हालात में वहां रहने वाले हिंदुओं का स्वागत करने की स्थिति में नहीं है. इसकी वजह ये है कि शरणार्थियों की संख्या हजारों में है और इतने लोगों को शरण देना आसान नहीं है.

सरकार के सामने धर्मसंकट

सरकार के सामने धर्मसंकट है कि अगर वह शरण देना भी चाहे तो उन्हें कहां बसाएगी. अगर उन्हें शरण दी गई तो शरणार्थी संकट बढ़ जाएगा. बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी करीब 1.35 करोड़ है, इसलिए इतनी बड़ी संख्या में शरणार्थियों को शरण देना और उनके लिए रोजगार और भोजन की व्यवस्था करना आसान नहीं है.

बॉर्डर बंद रखने का फैसला

इसलिए सरकार ने अभी बॉर्डर बंद रखने का ही फैसला लिया है. चाहे बांग्लादेश बॉर्डर हो या असम बॉर्डर ...हर जगह BSF का कड़ा पहरा है. राज्य सरकारें यही चिंता जता रही हैं कि एक-डेढ करोड़ लोगों को शरण नहीं दी जा सकती क्योंकि शरण देने से व्यवस्थाएं बिगड़ जाएंगी.

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