IMEC: G7 देशों ने भारत के इस प्रोजेक्ट को लेकर किया बड़ा वादा, चीन को लेकर क्या कहा?
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IMEC: G7 देशों ने भारत के इस प्रोजेक्ट को लेकर किया बड़ा वादा, चीन को लेकर क्या कहा?

India's Mega Project: भारत, यूरोपीय यूनियन, अमेरिका और सऊदी अरब मिलकर एक मेगा प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जिसका नाम है- इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडर. पिछले साल भारत में हुए जी-20 समिट के दौरान इस प्रोजेक्ट को लेकर सहमति बनी थी.

IMEC: G7 देशों ने भारत के इस प्रोजेक्ट को लेकर किया बड़ा वादा, चीन को लेकर क्या कहा?

India-Middle East-Europe Economic Corridor: इटली में आयोजित तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान जी-7 देशों ने इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर प्रोजेक्ट (IMEC) को समर्थन देने का वादा किया है. सात देशों के समूह (जी7) देशों ने शिखर सम्मेलन की समाप्ति के बाद जारी अपने संयुक्त बयान में IMEC जैसी विशिष्ट बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को लेकर प्रतिबद्ध होने की बात कही है. इसके अलावा जी-7 देश ईयू ग्लोबल गेटवे, ग्रेट ग्रीन वॉल और अफ्रीका के लिए इटली की Mattei योजना जैसी मौजूदा पहलों को आगे बढ़ाने की भी योजना बना रहे हैं.

व्हाइट हाउस की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, " हम गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे और निवेश के लिए परिवर्तनकारी आर्थिक गलियारों को विकसित करने के लिए जी7 के ठोस पीजीआईआई पहलों, प्रमुख परियोजनाओं और पूरक पहलों को बढ़ावा देंगे. बेहतर समन्वय और राजस्व के लिए लोबिटो कॉरिडोर, लूजॉन कॉरिडोर, मध्य कॉरिडोर, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा, ईयू ग्लोबल गेटवे, ग्रेट ग्रीन वॉल इनिशिएटिव और इटली द्वारा शुरू की गई मैटेई योजना को लेकर काम जारी है."

चीन को लेकर जी-6 दशों ने क्या कहा?

शुक्रवार को जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा शासित स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के प्रति अपने स्टैंड को एक बार फिर दुहराया. उन्होंने कहा, " हम कानून के शासन पर आधारित एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं जो समावेशी, समृद्ध और सुरक्षित है. यह संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, मौलिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर आधारित है." 

शिखर सम्मेलन के बयान में इस बात पर जोर दिया गया है कि जी7 चीन को नुकसान पहुंचाने या उसके आर्थिक विकास को रोकने की कोशिश नहीं कर रहा है. बल्कि, व्यवसायों को गलत रिवाजों से बचाने और अंतरराष्ट्रीय बाजार को सबके लिए बराबर करने के लिए कदम उठाना जारी रखेगा.

बयान में आगे कहा गया है, "हम चीन के साथ रचनात्मक और स्थिर संबंध चाहते हैं. हम चिंताओं को व्यक्त करने और मतभेदों को हल करने के लिए प्रत्यक्ष और स्पष्ट जुड़ाव के महत्व को जानते हैं. हम अपने राष्ट्रीय हित में कार्य करते हैं. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में चीन की भूमिका को देखते हुए वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक दूसरे का सहयोग जरूरी है और साझा हित के क्षेत्रों में साथ काम करना जारी रखेंगे."

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