Russia Finland Crisis: खत्म हो गया रूस का खौफ! धमकी के बाद भी स्वीडन और फिनलैंड ने नाटो में किया आवेदन
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Russia Finland Crisis: खत्म हो गया रूस का खौफ! धमकी के बाद भी स्वीडन और फिनलैंड ने नाटो में किया आवेदन

Russia Sweden Crisis: यूक्रेन से युद्ध में फंसे रूस की समस्या कम नहीं हो रही है. यूक्रेन के बाद अब फिनलैंड और स्वीडन ने उसकी चिंता बढ़ा दी है. मॉस्को की तमाम धमकियों को दरकिनार करते हुए दोनों ही देशों ने नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन कर दिया है. इस बात की पुष्टि नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने बुधवार को की.

फिनलैंड की पीएम सना मरीन, स्वीडन की पीएम मेगदालेना एंडरसन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन

Sweden and Finland Application for NATO: रूस की आपत्ति के बाद भी स्वीडन और फिनलैंड ने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के लिए आवेदन कर दिया है. नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने बुधवार को बताया कि फिनलैंड और स्वीडन ने नाटो में शामिल होने के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन दिया है. दोनों देशों ने यह कदम यूक्रेन पर रूस के हमले से बढ़ी चिंताओं के बीच उठाया है. स्टोल्टनबर्ग ने दो नॉर्डिक देशों के राजदूतों से आवेदन प्राप्त करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि, ‘मैं नाटो में शामिल होने के फिनलैंड और स्वीडन के अनुरोध का स्वागत करता हूं. ये दोनों हमारे निकटतम साझेदार हैं.’

क्या होगी आगे की प्रक्रिया

अब दोनों देश नाटो के सदस्य तभी बन पाएंगे जब इनके आवेदनों को कम से कम 30 सदस्य देशों की मंजूरी मिलेगी. वोटिंग प्रक्रिया में दो सप्ताह का वक्त लग सकता है. हालांकि तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन फिनलैंड और स्वीडन को नाटो में शामिल करने के खिलाफ हैं. वह इनके आवेदन पर आपत्ति जता चुके हैं. अगर इस तरह की आपत्तियों को दूर कर लिया गया और बातचीत आगे बढ़ती है तो दोनों देश कुछ महीनों में नाटो में शामिल हो जाएंगे. बताया जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर आठ से 12 महीने का वक्त लगता है, लेकिन नाटो इस प्रोसेस को जल्द से जल्द कंप्लीट करना चाहता है.

रूस नहीं चाहता पड़ोसी देश नाटो से जुुड़ें

बता दें कि दो दिन पहले जब इन दोनों देशों के नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन करने की बात सामने आई थी तो रूस ने दोनों देशों को खुली धमकी दी थी और कहा था कि यह गलती न करें, नहीं तो अंजाम बुरा होगा. अब जबकि इन्होंने आवेदन कर दिया है तो देखना होगा कि रूस क्या कदम उठाता है. इससे पहले रूस यूक्रेन पर भी इसी मुद्दे को लेकर हमला कर चुका है. रूस ने यूक्रेन के नाटो में शामिल होने का विरोध किया था. इसे लेकर उसने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला कर दिया था और यह युद्ध अभी तक चल रहा है. इस हमले के बाद ही स्वीडन और फिनलैंड ने नाटो की सदस्यता लेने का फैसला किया है.

 (इनपुट: न्‍यूज एजेंसी भाषा)

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