Brain-Eating Amoeba: कोरोना के बाद दुनिया में शुरू हुई इस नई बीमारी की दहशत, दक्षिण कोरिया के बाद अमेरिका में हुई पहली मौत
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Brain-Eating Amoeba: कोरोना के बाद दुनिया में शुरू हुई इस नई बीमारी की दहशत, दक्षिण कोरिया के बाद अमेरिका में हुई पहली मौत

Brain Eating Amoeba virus in Florida USA: दुनिया में कोरोना के बाद एक नई बीमारी की दहशत शुरू हो गई है. दक्षिण कोरिया के बाद इस बीमारी से अमेरिका में भी पहली मौत हो गई है, जिसके बाद प्रशासन की ओर से चेतावनी जारी की गई है.

Brain-Eating Amoeba: कोरोना के बाद दुनिया में शुरू हुई इस नई बीमारी की दहशत, दक्षिण कोरिया के बाद अमेरिका में हुई पहली मौत

First death from Brain Eating Amoeba virus in Florida USA: दुनिया में लाखों लोगों की मौत का सबब बनी कोरोना महामारी अभी तक पूरी तरह खत्म भी नहीं हुई है कि एक नई महामारी का खतरा सामने आ रहा है. अमेरिका के फ्लोरिडा में दिमाग खाने वाले अमीबा से पहली मौत का मामला सामने आया है, जिसके बाद से वहां पर हड़कंप मचा हुआ है. लोग इसे दूसरी महामारी की आहट मानकर डर रहे हैं. इस मौत के बाद फ्लोरिडा के प्रशासन ने लोगों के लिए चेतावनी जारी कर अलर्ट रहने को कहा. 

प्रशासन ने लोगों के लिए जारी की चेतावनी

फ्लोरिडा स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल मृतक की पहचान का खुलासा नहीं किया है. लेकिन बताया जा रहा है कि यह मौत फरवरी के अंत में हुई थी. स्वास्थ्य विभाग इस मौत के कारणों और इलाज के इंतजाम जांचने में जुटा है. प्रशासन ने लोगों के लिए चेतावनी जारी कर कहा है कि वे केवल फिल्टर पानी ही पीएं. अगर किसी वजह से नल का कच्चा पानी पीना भी पड़े तो उसे कम से कम एक मिनट तक जरूर उबाल लें, जिससे उसमें मौजूद कीटाणु पूरी तरह मर जाएं. इसके बाद उसे ठंडा करके पीएं. 

इन जगहों पर पाया जाता है अमीबा

बता दें कि दिमाग खाने वाला अमीबा (Brain Eating Amoeba) को नेगलेरिया फाउलेरी के नाम से भी जाना जाता है. यह एक सिंगल कोशिका वाला जीव है, जो आमतौर पर जमीन के अंदर या ठंडे-गरम पानी में पाया जाता है. झील, नदी, गर्म झरने इस अमीबा की पसंदीदा जगहें हैं, यहां पर यह पाया जाता है. वैज्ञानिक मानते हैं कि यह थर्मोफिलिक अमीबा नदी, झरने या झील में नहाने के दौरान नाक के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाता है.

कुतर जाता है दिमाग की नसें

डॉक्टरों के मुताबिक बॉडी में प्रवेश करने के बाद यह अमीबा (Brain Eating Amoeba) आगे बढ़ते हुए दिमाग और रीढ़ की हड्डी तक चला जाता है. वहां पहुंचकर यह ब्लड सेल्स और सिर की तंत्रिका कोशिकाओं को नष्ट कर देता है. इसकी वजह से सिर में सूजन और ऊतकों का नष्ट होना शुरू हो जाता है. आखिर में यह गंभीर और दुर्लभ बीमारी का रूप ले लेता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति की जान बचना बहुत मुश्किल हो जाता है. खतरनाक होने के बावजूद यह बीमारी संक्रामक नहीं है और एक से दूसरे व्यक्ति को नहीं फैल सकती. 

दक्षिण कोरिया में भी हो चुकी है मौत

स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता जे विलियम्स ने कहा कि नेगलेरिया फाउलेरी (Brain Eating Amoeba) के साथ संक्रमण दुर्लभ है. ऐसा केवल तभी हो सकता है जब अमीबा से दूषित पानी नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करे. नल का पानी पीने से लोग संक्रमित नहीं हो सकते. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका से पहले दक्षिण कोरिया में ऐसी ही एक मौत हो चुकी है. वहां पर दिमाग खाने वाले अमीबा के कारण एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है. वह मौत से कुछ दिनों पहले ही थाईलैंड घूमकर लौटा था. 

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