Saudi Arabia News: तेलुगू इंजीनियर सऊदी में एक साल से अधिक समय से काम कर रहा है, लेकिन उसका परिवार लगभग एक पखवाड़े पहले ही गया था. नतीजतन, नए फ्लैट पर स्वास्तिक चिन्ह ने पड़ोसियों का ध्यान आकर्षित किया.
Trending Photos
Swastik Symbol: गुंटूर, आंध्र प्रदेश के एक 45 वर्षीय व्यक्ति को अपने फ्लैट के दरवाजे पर स्वास्तिक चिन्ह लगाने के लिए सऊदी जेल में डाल दिया गया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक केमिकल इंजीनियर के खिलाफ एक स्थानीय अरब द्वारा पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी, जिसने इसका नाजी प्रतीक के रूप में गलत अर्थ समझा. सूत्रों के मुताबिक, सऊदी के शख्स ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसे गुंटूर के शख्स से जान का खतरा है.
हालांकि तेलुगू इंजीनियर सऊदी में एक साल से अधिक समय से काम कर रहा है, लेकिन उसका परिवार लगभग एक पखवाड़े पहले ही गया था. नतीजतन, नए फ्लैट पर स्वास्तिक चिन्ह ने पड़ोसियों का ध्यान आकर्षित किया.
तेलगू परिवार ने पड़ोसी को समझाने की कोशिश की
तेलुगू परिवार के सऊदी शख्स को यह समझाकर मनाने के प्रयास किया कि प्रतीक क्या दर्शाता है लेकिन सब व्यर्थ गया क्योंकि स्थानीय शख्स ने बाद में पुलिस से संपर्क किया गया, जिसने केमिकल इंजीनियर को जेल में डाल दिया.
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक एनआरआई कार्यकर्ता और एपीएनआरटीएस के समन्वयक मुजम्मिल शेख ने कहा कि गुंटूर के व्यक्ति तक पहुंचने के लिए उन्होंने शुक्रवार को रियाद से खोबार तक लगभग 400 किलोमीटर की यात्रा की.
‘सांस्कृतिक गलतफहमी के कारण हुई गिरफ्तारी’
मुजम्मिल शेख ने कहा, ‘सांस्कृतिक गलतफहमी के कारण ही गिरफ्तारी हुई है. हमने अधिकारियों को इस बारे में बताया कि कैसे भारत में इस प्रतीक का सम्मान किया जाता है, और इसे घरों, कार्यालयों आदि पर कैसे रखा जाता है. वह सोमवार को जेल से रिहा हो जाएगा क्योंकि यहां शनिवार और रविवार को छुट्टी होती है.‘
मुज़म्मिल शेख ने कहा, ‘सऊदी अरब में भारतीय समुदाय के लिए काम करने वाले केरल के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता, नास शौकत अली (नास वक्कोम के नाम से जाने जाते हैं) भी गुंटूर के आदमी की रिहाई में मदद कर रहे हैं.’
हिंदू धर्म का पवित्र प्रतीक
स्वस्तिक हिंदू धर्म में एक पवित्र प्रतीक है. जबकि नाज़ी प्रतीक में एक सफेद वृत्त पर 45 डिग्री के कोण पर झुका हुआ एक काला स्वस्तिक है. स्वस्तिक में एक समभुज क्रॉस है, जिसकी भुजाएं समकोण पर मुड़ी हुई हैं, जिससे एक चौकोर आकार बनता है.
स्वस्तिक का उपयोग सदियों से दुनिया भर के विभिन्न धर्मों द्वारा किया जाता रहा है. इसका उपयोग सद्भाव, शुभता और सौभाग्य को दर्शाने के लिए किया जाता है, जबकि नाज़ी प्रतीक घृणा, नरसंहार आदि से जुड़ा है.